कलेक्टर बनने के लिए लोगों के घरों में झाड़ू-पोछा कर हासिल किए 72%
Santosh Meghvanshi और उसे नई राह दिखाने वाली मनीषा जाजू की ये प्रेरणादायक कहानी भीलवाड़ा शहर की है| बेरवा मोहल्ले में रहने वाली संतोष की मां पार्वती हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में झाड़ू पोछा करने का काम करती थी| करीब 10 साल पहले वो अपनी बेटी संतोष को भी काम करने साथ ले जाने लगी|
जब मनीषा जाजू ने नन्हीं संतोष मेघवंशी की पढ़ाई के प्रति ललक देखी तो वो उसकी मदद करने में पीछे नहीं रही| ग्रहणी मनीषा जाजू ने आदर्श विद्या मंदिर शास्त्री नगर ले जाकर बच्ची की पढ़ाई का पूरा जिम्मा अपने कंधों पर ले लिया| पिछले साल संतोष के सेकेंडरी बोर्ड परीक्षा में 75% मार्क्स लाने पर मनीषा जाजू की खुशी का ठिकाना नहीं रहा|
इस बार भी Santosh Meghvanshi ने 11वीं की परीक्षा 72% अंकों के साथ पास की है| संतोष पढ़ाई के प्रति पूरी मेहनत के साथ-साथ अपनी मां के झाड़ू पोछे के काम में भी हाथ बटाती है| संतोष का सपना एक प्रशासनिक अधिकारी कलेक्टर बनने का है|
होनहार संतोष की मां पार्वती अपने जीवन यापन के लिए घर-घर में आज भी सफाई का काम करती है| उसके पिता ने दूसरी शादी करने के बाद उनकी सुध कभी नहीं ली| भाई शंकर को भी नशे की लत लग गई है| ऐसे में उसकी मां और संतोष मिलकर अपनी चार बहनों के पेट पाल रहे हैं|
Santosh Meghvanshi को मनीषा ने न केवल पढ़ाई के लिए प्रेरित किया, बल्कि उसका पूरा साथ दिया| उन्हें पूरा भरोसा है कि संतोष प्रशासनिक अधिकारी बनने के सपने को अपनी कड़ी मेहनत से ज़रूर पूरा करेगी| संतोष की मां कहती है कि भले ही जन्म देने वाली माँ वो है, लेकिन मनीषा जाजू ने जो किया है वो किसी मां से कम नहीं है|
हमारे देश में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है| जरूरत बस उन्हें तराशने की है| ऐसा ही काम मनीषा जाजू ने कर दिखाया है| उन्होंने Santosh Meghvanshi को पढ़ाई के लिए प्रेरित करके, उसका स्कूल में एडमिशन करवाने का काम किया| साथ ही उसके पिता द्वारा उसका जबरन करवाया जा रहा बाल विवाह भी पुलिस की मदद से रुकवाया था|
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News Credit : Navbharattimes