Ganesh ने परिस्थितियों से समझौता किए बगैर आत्मनिर्भरता की राह थामी
ऐसा नहीं होता कि हर किसी को अनुकूल परिस्थितियां ही मिलती हैं| किसी के हालात उसे ज़िंदगी में हार मानने के लिए बेबस करते हैं, लेकिन जिनके हौसले बुलंद होते हैं, वो हालात को अपने मुताबिक ढाल लेते हैं| हर चुनौती पार करके ज़िंदगी को जीने का जज़्बा दिखाते हैं| सोशल मीडिया (Viral On Social Media) पर आजकल ऐसे ही शख्स की कहानी वायरल हो रही है, जो दिव्यांग (Wheelchair Delivery Boy) होने के बावजूद अपने हौसलों से आत्मनिर्भर बन चुका है|
दिव्यांग लोगों के साथ-साथ आम लोगों के लिए भी Ganesh Murugan की कहानी प्रेरणा देने वाली है| वे पैरों से लाचार होने के बाद भी व्हीलचेयर से फूड डिलीवरी का काम करके आत्मनिर्भर बने हैं| चेन्नई के रहने वाले गणेश मुरुगन ने लाचारियों का रोना रोने के बजाय अपने लिए कठिन लेकिन आत्मसम्मान दिलाने वाली राह चुनी| आज उनकी कहानी समाज के लिए एक मिसाल बन चुकी है|
दिव्यांग Ganesh Murugan की कहानी को आईपीएस अधिकारी दीपांशु काबरा ने अपने ट्विटर अकाउंट से शेयर किया है और लिखा है- ‘वे उन सभी के लिए प्रेरणा हैं, जो मुसीबतों से लड़ने की जगह झुक जाते हैं|’ उन्होंने बताया है कि मुरुगन देश के पहले व्हीलचेयर फूड डिलीवरी ब्वॉय हैं, जो अपनी व्हीलचेयर पर ही खाने की डिलीवरी करते हैं| उन्होंने परिस्थितियों से समझौता किए बिना ही रास्ता निकाला और आत्मनिर्भरता की राह चुनी|
मिलिए भारत के पहले व्हीलचेयर फूड डिलीवरी बॉय गणेश मुरुगन से.वे अपनी व्हीलचेयर पर फ़ूड डिलीवरी करते है.
चेन्नई के दिव्यांग गणेश मुरुगन ने परिस्थितियों से समझौता किए बगैर रास्ता निकाला और आत्मनिर्भरता की राह थामी.वे उन सभी के लिए प्रेरणा हैं जो मुसीबतों से लड़ने की जगह झुक जाते हैं pic.twitter.com/Y4QWR49JJg— Dipanshu Kabra (@ipskabra) June 21, 2022
दीपांशु काबरा ने अपनी इस पोस्ट के कमेंट में बताया है कि Ganesh Murugan की इस खास व्हीलचेयर को IIT मद्रास में एक स्टार्टअप की ओर से डिज़ाइन किया गया है| टू इन वन मोटर से चलने वाली व्हीलचेयर को एक बटन दबाने पर अलग किया जा सकता है| इसके बाद इसका पिछला हिस्सा एक साधारण व्हीलचेयर में बदल जाता है| अब तक स्टार्ट अप की ओर से ऐसे 1300 व्हीलचेयर बनाए जा चुके हैं| ये 4 घंटे चार्ज होने के बाद 25 किलोमीटर तक सफर कर सकते हैं| लोग गणेश मुरुगन की इस कहानी को जानने के बाद उनके जज़्बे को सलाम कर रहे हैं|
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