रिसर्च के लिए दुनिया के टॉप-10 अभ्यर्थियों में ये भारतीय लड़की भी
हिमाचल प्रदेश की बेटी ने देश ही नहीं दुनिया में नाम रोशन किया है| मनाली की Jaya Sagar रिसर्च के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल यूके जाएंगी| दुनिया के 400 से अधिक आवेदनकर्ताओं में शामिल मनाली की जया सागर एशिया की एकमात्र छात्रा है, जिसने दुनिया के टॉप-10 अभ्यर्थियों में जगह बनाई है| चार साल के इस प्रोग्राम के लिए सभी खर्च जुतशि-स्मिथ स्काॅलरशिप द्वारा उठाया जाएगा, जिसकी राशि ढाई करोड़ से अधिक रहेगी| Jaya Sagar एनआइटी हमीरपुर से इसी साल इलेक्ट्रॉनिक्स कम्यूनिकेशन इंजीनियर बनी हैं| लेकिन इंटर्नशिप के दौरान उन्होंने स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी कर ली थी| अब क्वांटम कंप्यूटिंग में पीएचडी करने यूके जा रही हैं| हाल ही में म्यूनिक जर्मनी में हुई क्वांटम टेक्नॉलजी की वर्चुअल कांफ्रेंस में भी जया ने भारत को गौरवांवित किया|
Jaya ने बताया कि पीएचडी के इस प्रोग्राम कि लिए पूरी दुनिया से सिर्फ़ 10 विद्यार्थियों का चयन हुआ है, जिसमें एशिया से सिर्फ़ उनका ही चयन हुआ है| इस छात्रवृत्ति में फीस, आने-जाने का हवाई खर्च, रिसर्च ग्रांट और बाक़ी खर्च जुतशि-स्मिथ स्काॅलरशिप की ओर से ही उठाया जाएगा| जया ने बताया वो आठ सितंबर को यूके जा रही हैं|
रिसर्च वर्क देखकर हैरान रह गए थे प्रोफेसर
Jaya Sagar ने बताया पिछले वर्ष जेकेयू-लिंज ऑस्ट्रिया की यूनिवर्सिटी से रिसर्च इंटर्नशिप की थी, जिसका सारा खर्च परमार्था फ़ाउंडेशन द्वारा उठाया गया| इंटर्नशिप के दौरान जया के रीसर्च के प्रति रुझान और लगन को देखकर उनके प्रोफेसर डॉक्टर अलेग्जेंडर पालेर ने इस कोर्स के लिए प्रेरित किया| इस दौरान उनके शोध कार्यों को देखकर प्रोफेसर काफी हैरान हुए| विद्यार्थियों के शोध कार्यों और उसके बाद हुए इंटरव्यू के आधार पर चयन किया गया|
इन लोगों को दिया सफलता का श्रेय
Jaya ने अपनी सफलता का श्रेय माता मनजीत कौर पिता गुप्तराम ठाकुर, स्कूल प्रधानचार्य रहे रूप सिंह ठाकुर, भौतिक शस्त्र के प्राध्यापक राज पाल गुलेरिया, एनआईटी के प्रोफेसर डॉक्टर कृष्ण कुमार, डॉक्टर राजीव चंदेल, डॉक्टर गार्गी खन्ना, डॉक्टर अश्वनी राणा सहित अपने समस्त अध्यापकों को दिया|
क्या-क्या किया जाया ने
मनाली पब्लिक स्कूल की ओर से दसवीं में राष्ट्रीय स्तर पर चिल्ड्रन साइंस कांग्रेस में Jaya Sagar ने हिमाचल का प्रतिनिधित्व किया था| राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मनाली की ओर से 2013 में बेंगलुरु में हुए राष्ट्रस्तरीय आइरिस विज्ञान मेले में उसने स्वर्ण पदक हासिल किया| इसी स्कूल की ओर से वर्ष 2014 में अमेरिका में हुए इंटेल इंटरनेशनल साइंस फेयर में जया ने 80 देशों के बाल वैज्ञानिकों के बीच भारत को दो पुरस्कार दिलाए| जल विद्युत और सेब की खेती को बेहतर करने के क्षेत्र में Jaya के काम ने उन्हें हिमाचल की सबसे छोटी काॅपी राइट पाने वाली छात्रा बनाया|
ये अवार्ड किए हासिल
- नेशनल यूथ अवार्ड फ़ॉर रिसर्च एंड इनोवेशन
- एवीएएससी स्पेशल अवार्ड इंटेल इंटरनेशनल साइंस इंजीनियरिंग फेयर
- नेशनल वूमेन एचीवर अवार्ड
- जेआरपीडी मेमोरियल अवार्ड फ़ॉर एक्लेनसी इन साइंस एजुकेशन
- ब्रांज मेडल नेशनल स्नो बोर्ड।
शिक्षा मंत्री ने दी बधाई
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने रिसर्च के लिए यूके जा रही Jaya Sagar को बेहतर भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी| उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से भी उनकी यथासभंव मदद की जाएगी|
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