22 साल की उम्र में किया ऐसा काम, जब बच्चे ढूंडते हैं अपना मुकाम
छोटी उम्र में अलग-अलग fields में outstanding performance करने वाले लोगों की कई कहानियां हैं| सूत्रों के अनुसार, गुजरात के रहने वाले 22 साल के Safin Hasan, 23 दिसंबर को जामनगर पुलिस में एएसपी (Assistant Superintendent of Police) के रूप में शामिल हुए हैं|
वो कहते हैं न कि आपकी माँ आपके पास है तो कुछ भी संभव है| जब भी किसी ने आत्मविश्वास खोया है, एक माँ हमेशा उस खोए हुए आत्मविश्वास को वापिस ले आयी है| हसन सफीन ने AIR में 570 रैंक हासिल कर civil service exam को पास कर लिया| ये उनकी माँ का प्यार और समर्थन था, जिसने उन्हें सफलता का मार्ग दिखाया| उनके करियर की मज़बूत नींव रखने का पूरा credit उनकी माँ नसीम बानू को जाता है|
Safin Hasan गुजरात के पालनपुर जिले के कानोदर गाँव के निवासी हैं| वो एक बहुत गरीब परिवार में पले-बढ़े। उनके माता-पिता, मुस्तफा और नसीम बानो ने बहुत ही कम पैसों में इस हीरे को तराशा| ऐसे भी मुश्किल दिन थे जब सफीन खाली पेट सो जाया करते थे| Academic career से अपने goals को पूरा करने के लिए उन्हें पैसों की जरुरत थी| इसलिए उनकी माँ ने लोकल रेस्टोरेंट और रिसेप्शन हॉल्स में हज़ारों रोटियां बेलना शुरू किया|
गर्मियों के मौसम में, तापमान 45 degrees Celsius तक बढ़ जाता था| इन सबके बावजूद, नसीम बानो हर दिन 3:00 बजे उठती थीं| वो रोज़ 20 से 200 किलो की medium size की रोटियां बनाती थीं। इतनी रोटियों के लिए उन्हें महीने में 5,000-8,000 रुपये मिलते थे| लेकिन, वो सारा पैसा उनके बेटे की पढ़ाई में चला जाता था|
Family conditions को देखते हुए, Safin जानते थे कि उन्हें कौन सा रास्ता चुनना है| उनके माता-पिता उन्हें पढ़ाने के लिए दिन-रात कड़ी मेहनत करते थे| इसके अलावा, उन्हें लोकल बिजनेसमैन हुसैन पोलरा और उनकी पत्नी रैना पोलरा जैसे अनजान लोगों कि guidance भी मिली|
उनकी प्रेरणा पूछे जाने पर उन्होंने बचपन में उनके गाँव का visit करने आये DM के बारे में बताया| वो बचपन से ही civil servant बनना चाहते थे| उस DM को अपने गॉर्ड और पीए के साथ देखर वो बहुत influenced हुए थे| उसी दिन से उन्हें अपने जीवन का लक्ष्य मिल गया था|
उस डीएम ने लोगों से बात कर के उनकी परेशानियों को दूर करने का विश्वास दिलाया| तब हसन ने अपने पड़ोसी से DM बनने का procedure पूछा था| उसी समय से वो IAS की authority और power से inspire हुए थे| तभी उन्होंने एक IAS बनने का लक्ष्य बनाया|
Hasan ने कहा कि दोस्तों, शिक्षकों और यहां तक कि अजनबियों ने भी कठिन समय में उनका पूरा साथ दिया| उनके हाई स्कूल के प्रिंसिपल ने उनकी 8000 रुपये की फीस माफ़ की थी| दिल्ली में रहकर जब वो UPSC Exam की तैयारी कर रहे थे, तो गुजरात की पोलरा फॅमिली ने दो साल तक उन्हें अपने साथ रखा और उनकी कोचिंग फीस भी दी|
पहली बार एग्जाम देने के दौरान, Safin Hasan का एक major accident हो गया| लेकिन, उन्होंने अपना लक्ष्य नहीं छोड़ा| उनके आत्मविश्वास, दृढ़ संकल्प और समर्पण ने उन्हें बड़ा इनाम दिया और वो अपने 2nd attempt में youngest IPS Officer बन गए|
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