ये ‘Digital Baba’ सोशल मीडिया के जरिये युवाओं को सीखा रहा है संस्कार
ये तो हम सभी जानते हैं कि टेक्नोलॉजी और धर्म एकदूसरे से हमेशा से कोसों दूर रहे हैं, लेकिन हमें कुंभ-मेले का शुक्रिया कहना चाहिए जिसकी बदौलत लोगों को एक ऐसा संत दिखा, जो टेक्नोलॉजी से बिलकुल भी नहीं शर्माता है| सही मायने में ये संत टेक्नोलॉजी की ही मदद से अपने फोल्लोवेर्स से इंटरैक्ट करता है| Swami Ram Shankar एक सोशल मीडिया प्रेमी संत हैं और इसी वजह से लोग उन्हें ‘Digital Baba’ के नाम से जानते हैं| उन्हें युवा लोगों और युवा विचारों से इंटरैक्ट करना अच्छा लगता है|
ट्राइपॉड, सेल्फी स्टिक, माइक और सोशल मीडिया पर पूरी तरह एक्टिव रहते हैं ये डिजिटल बाबा| युवा सन्यासी Swami Ram Shankar Das ने अपनी पहचान Digital Baba के नाम से बना ली है| उनके मुताबिक़, सोशल मीडिया पर जो उनका काम करने का तौर-तरीका है उसकी वजह से लोग उन्हें ‘Digital Baba’ कहते हैं| साथ ही जिस-जिस जगह उन्हें युवा पीढ़ी भारी संख्या में मिलती है, वो वहां जाके उनसे इंटरैक्ट करते हैं|
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के Swami Ram Shankar उर्फ Digital Baba ने युवाओं में भारतीय संस्कृति और संस्कार भरने के लिए सोशल मीडिया को अपनाया है। 30 वर्षीय स्वामी रामशंकर चार साल में देश के 13 राज्यों का दौरा कर चुके हैं। इस दौरान उन्होंने अपनी पहचान डिजिटल बाबा के रूप में बनाई है। भले ही हावभाव और आचार-व्यवहार से साधु लगते हैं, लेकिन किसी को अपने पैरों को हाथ नहीं लगाने देते।
Swami Ram Shankar ने बताया कि उन्होंने दस साल पहले संयास लिया था। उन्होंने कहा कि आज गरीब व अमीर दुखी है। ऐसे में संन्यासी जीवन ही सुख प्राप्त करने का मार्ग है।
Digital Baba लोगों विशेषकर युवाओं से इंटरनेट के माध्यम से ही संपर्क में आते हैं। जिन लोगों के विचार उनके साथ मिलते हैं, इसके बाद वे उनसे मुलाकात भी करते हैं।डिजिटल बाबा के अनुसार, अपने संस्कारों के बल पर ही भारत कभी विश्व गुरु रहा। इसके बल पर ही फिर से भारत को विश्व गुरु बनाया जा सकता है। स्वामी राम शंकर के अनुसार उनका मुख्य लक्ष्य युवाओं में भारतीय संस्कारों को दोबारा लाना है। इसके लिए वे कॉलेज या अन्य शिक्षण संस्था के गेट पर पहुंच कर युवाओं से सीधा संवाद भी करते हैं।
उनका कहना है कि भारत को पूरी दुनिया में विश्व-गुरु कहा जाता रहा है, लेकिन भारतीय युवाओं कि समझ आध्यात्म को लेकर बहुत हलकी है| इसलिए उनकी कोशिश है कि वो युवा पीढ़ी को समझा सकें कि भारत कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत क्या है और वो उसे जाने और उस पर गर्व करें और कहीं न कहीं उसे अपने जीवन का एक हिस्सा बनाएं| कुंभ को लेकर युवाओं के मन में क्या धारणा थी और कुंभ में आने के बाद उनका अनुभव क्या रहा, धर्म से जुड़े जो ग्रन्थ हैं उन्हें वो कितना समझते हैं और जीवन में वो उसे कितना अपने अमल में लाते हैं, इन तमाम पहलु में Digital Baba युवाओं से बात करते हैं|
Digital Baba सोशल मीडिया के जरिये कुंभ को ग्लोबल बनाने कि कोशिश कर रहे हैं|
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