यह tea seller चलाता है slum के बच्चों के लिए school
55 साल के Prakash Rao उड़ीसा के कटक ज़िले में एक चाय की दुकान के मालिक हैं|हर सुबह वह बच्चों के एक समूह को नि:सुल्क दूध पिलाते हैं| जी हाँ, वह उन बच्चों के लिए किसी देवता से कम नहीं जो उनकी दुकान के आस-पास की झुग्गी-झोपड़ियों में रहते हैं| अगर Rao ने इन बच्चों को स्कूल भेजने का ज़िम्मा नहीं उठाया होता तो निश्चित ही आज उनका ज़ीवन किसी अंधेरे में खो गया होता|
Rao ने अपनी पढ़ाई class 11 में ही छोड़ दी थी हालाँकि उन्होनें कहीं से scholarship का प्रबंधन भी कर लिया और इसलिए उन्हें अच्छे से पता है की पढ़ाई का महत्व क्या होता है|इसलिए slum के बच्चों की दुर्दशा देखने के बाद “आशा ओ आश्वान” नाम से उन बच्चों के लिए उन्होनें एक स्कूल खोला, जो कभी किसी सरकारी स्कूल जाने में सक्षम नहीं थे|
राव के इस स्कूल ने 60 बच्चों को कक्षा 3 तक नि:शुल्क शिक्षा दी| इन बच्चों के माता-पिता का कहना है कि वह लोग कभी अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज पाते अगर राव की यह परियोजना शुरू नहीं हुई होती| और बच्चे जब कक्षा 3 तक अपनी शिक्षा पूरी कर लेते हैं तो उसके बाद राव उनकी सरकारी स्कूल में दाखिला लेने में सहायता करते हैं ताकि बच्चे अपनी माध्यमिक शिक्षा पूरी कर सकें|
किसी सरकार या संगठन की मदद के बिना, Rao हर महीने अपनी चाय की दुकान से कमाए 20000 रुपयों में से 10000 हज़ार रुपये स्कूल में लगाते हैं| वह 4 शिक्षकों और स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की बुनियादी आवश्यकताएं का पैसा भी खुद देते हैं| उनकी प्रेरणा तब दिखने लगी जब बच्चों के माता-पिता उत्तरदायी होकर खुद बच्चों को स्कूल भेजने लगे|
नैतिक-शिक्षा ही एक मजबूत राष्ट्र बनाती है, जिसपे कि वह हमेशा से विश्वास करते आये हैं| इसके अलावा, उन्होनें एक 50 स्वयंसेवकों का समूह बनाया है जो स्वेच्छा से गाँव में होने वाले किसी भी संकट में रक्तदान करते हैं| उनका यह नेक काम एक बेहतर भारत बनाने में सराहनीय है|
Photos Credit : Taken from different Google sites.