कैंसर से जंग जीतकर CA बन, Harshad Swami ने की मिसाल कायम
अगर इंसान किसी लक्ष्य को हासिल करने की ठान ले तो वो उसे हासिल करके ही रहता है| कोई भी बाधा या तकलीफ उसे छोटी नजर आती है| ये किसी कहानी की स्क्रिप्ट नहीं है बल्कि इन वाक्यों को एक शख्स ने हकीकत में बदला है| बीकानेर के रहने वाले 24 साल के Harshad Swami की कहानी जानकर आप सभी उनसे जरूर इंस्पायर होंगे|
कैंसर जैसी बीमारी किसी भी पेशेंट के दिलो-दिमाग पर काफी गहरा असर डालती है| जीवन एक ऐसे मोड़ पर आकर खड़ा हो जाता है जहां से आशा की किरण दिखाई देना मुश्किल हो जाता है| लेकिन बीकानेर के रहने वाले Harshad Swami ने पहले कैंसर जैसी बीमारी को मात दी और उसके बाद सीए फाइनल की परीक्षा (CA Final Exam) को पास कर एक मिसाल भी पेश की| दरअसल हर्षद को 2017 में कैंसर हो गया था लेकिन अपने जज्बे और परिवार के सहयोग से उन्होंने कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी को मात दी|
कैंसर होने के बावजूद भी Harshad Swami ने पढ़ाई नहीं छोड़ी और अपने लक्ष्य पर कायम रहे| आखिरकार वे सीए की परीक्षा (CA Final Exam) पास कर अपने लक्ष्य को हासिल करने में सफल रहे| उन्होंने साबित कर दिया कि जीवन में कुछ भी किया जा सकता है, कुछ भी नामुमकिन नहीं है| उन्होंने बताया कि 2017 से 2019 तक उनका ट्रीटमेंट चला| वो बताते हैं कि वे सही से काम नहीं कर पाते थे और एक से डेढ़ साल तक बेड रेस्ट पर थे| बेड रेस्ट के साथ-साथ उनका लक्ष्य था कि उन्हें इस बीमारी से अपना ध्यान डायवर्ट करना है|
उन्होंने बताया कि लोग बोलते थे कि ये तो पागल हो गया है| बता दें कि वे टाइम पास करने के लिए बुक्स पढ़ते थे| Harshad Swami ने कहा कि आज उसी टाइम पास ने सीए (CA) के लिए सबसे बड़ा योगदान दिया| बहुत लोगों ने उनका सपोर्ट भी किया| उनके अनुसार अगर आपने हार्ड वर्क किया है तो कभी ना कभी आपको रिजल्ट जरूर मिलेगा| मेहनत के साथ आपको धैर्य भी बनाए रखना होगा| उनके पिता संजीव स्वामी ने कहा कि जब उन्हें हर्षद के कैंसर का पता चला तब उनकी हालत बहुत ही खराब थी और वो समझ नहीं पा रहे थे कि वो क्या करें|
Harshad Swami के पिता ने कहा कि उस वक्त भी उनके बच्चे ने इतनी मजबूती दिखाई और उनसे कहा कि पापा सब कुछ ठीक हो जाएगा, आप चिंता मत करो| पिता ने आगे कहा कि उन्हें इस बात की बहुत खुशी है कि उसने कैंसर डिजीज (Cancer Disease) को मात दी और फाइनल एग्जाम भी क्लियर किया| उन्होंने बताया कि इस दौरान उन्हें रिश्तेदारों और मिलने वालों का भी सपोर्ट मिला|
इंडिया की ऐसी ही पॉजिटिव ख़बरें और वीडियो आप हमें मेल कर सकते हैं : share@nekinindia.com
(हमसे जुड़े रहने के लिए आप हमें यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं )