Gridhar ने हर चुनौती को पार कर अपने सपने को किया पूरा

कहते हैं संघर्ष ही जीवन है और जो लोग उस संघर्ष को अपनी हिम्मत और ताक़त के साथ पार कर जाते हैं, वो जीवन में सफलता हासिल कर लेते हैं| सपनों की कीमत और अहमियत क्या होती है, अगर आपको समझना है तो बस एक बार राजस्थान के बाड़मेर जिले के छोटे से गांव उण्डखा से ताल्लुक रखने वाले विलेज डवलपमेंट आफिसर Girdhar Singh Randha से मिल लीजिए। हालात और किस्मत का रोना भूलकर अपनी मेहनत के बूते सपनों को सच कैसे किया जाता है,आप बखूबी समझ जाएंगे।

Nek in india

Girdhar Singh Randha हमेशा से गवर्नमेंट जॉब पाना चाहते थे| पर गरीबी के कारण उन्हें छोटी उम्र में ही अपने परिवार की ज़िम्मेदारी उठानी पड़ी| वो दिन में स्कूल जाते और शाम को अपने परिवार के लिए पैसे कमाने के लिए निकल जाते| गरीबी की वजह से उनके जीवन में कई चुनौतियां आई पर उन्होनें कभी हार नहीं मानी| वो हर चुनौती से लड़ते रहे| जब Girdhar बड़े हुए तो उनके बड़े भाई ने आत्महत्या कर ली, जिस कारण उन्हें बड़ा सदमा पंहुचा|

Gridhar Singh Randha

वो कहते हैं ना कि सपनों को पाने के लिए ज़िद ज़रूरी है। सपने छोटे हो या बड़े अगर आप उन्हें हासिल करने की ज़िद पाल लेते हैं तो हर राह आसान हो जाती है। हर चुनौती से लड़ने की हिम्मत आ जाती है। जिंदगी में आने वाली तमाम मुसीबतों से लड़ते हुए गिरधर एक बार फिर मेहनत की राह पर चलते हुए सरकारी नौकरी की तैयारी में जुट गए। कई सारे फार्म भरे लेकिन सभी परीक्षाओं में असफल रहे। लगातार कई प्रतियोगी परीक्षाओं में नाकामयाबी से निराश गिरधर को लगने लगा जैसे फैक्ट्रियों में मजदूरी करना और दूसरों के लिए खाना बनाना ही उनकी जिंदगी है।पर उन्होनें अपनी हिम्मत को टूटने नहीं दिया|

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इसी दौरान कर्मचारी सेवा चयन बोर्ड ने ग्राम विकास अधिकारी की भर्ती निकाली। वहीं Girdhar ने अपनी पुरानी कमियों को दूर कर इसकी परीक्षा दी और फिर से मेहनत मजदूरी के अपने काम में जुट गए।

कई लोग जिंदगी के रास्ते में आने वाली इन मुसीबतों के पहाड़ के सामने टूटकर बिखर जाते हैं तो कई लोग इन चुनौतियों से लड़कर दूसरों के लिए नए रस्ते खोल जाते हैं।Girdhar Singh Randha भी एक ऐसी ही शख्सियत हैं।

कुछ महीनों बाद जब रिजल्ट आया तो 21 बार प्रतियोगी परीक्षाओं में फेल होने वाले Girdhar इस बार फेलियर को हराकर विलेज डवलेपमेंट ऑफिसर की पोस्ट पर सलेक्ट हो चुके थे|

Girdhar Singh Randha

अपने इस सपने को पूरा करने के दौरान Girdhar करीब 21 बार गवर्नमेंट एग्जाम में फेल हुए| पर उन्होनें हर हार के बाद अपनी मेहनत को दौगुना कर दिया और आज वे ग्राम विकास अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं|

Girdhar आज की यंग जनरेशन को संदेश देते हुए कहते हैं कि जोश, जज्बा और जुनून बनाए रखने साथ ही मेहनत जारी रखिए। बाहर की परिस्थितियां चाहे कैसी भी हों लेकिन अंदर की आग जब तक जल रही है तब तक दुनिया की कोई ताकत आपको आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती।

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Geeta Rana

I am a Content Writer by Hobby, A Blogger by profession, as well as Owner of Nekinindia.com.

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