Abhinav Rao ने अपनी pocket money से किया crippled dog का इलाज़
कभी-कभी हमें सोचना ज़रुरू चाहिए कि दुनिया में लोग उतने बुरे नहीं हैं, बल्कि कुछ amazing लोग भी हैं| मीडीया में इतनी negative stories के साथ, Mangaluru के इस बच्चे की प्रेरणादायक और अच्छे काम की कहानी आप का दिन बना देगी|
7th क्लास के Abhinav Rao ने एक भटकते, Moana नाम के कुत्ते को नयी लाइफ देने के लिए अपने पूरे पैसे उसपे खर्च दिए|
Moana एक accident में अपंग हो गई थी जब एक गाड़ी उसके उपर से चली गयी थी| 17 दिसंबर 2016 को, एक 3D एनिमेटर Ankur Bhatnagar को वो व्हाइटफ़ील्ड के नागानदानहल्ली में मिली| वो चल नहीं सकती थी और उसके पीछे के दोनों पैर कुचल जाने की वजह से वो काफ़ी कमज़ोर भी हो गयी थी|
Ankur उसे vetnary डॉक्टर के पास ले गया और उसे पूरी मेडिकल care दी| मेडिकल प्रोसीजर में rehabilitation के साथ hydrotherapy और लेज़र ट्रीटमेंट दिया गया ताकि उसके affected limbs में circulations हो सके| लेकिन डॉक्टर ने कहा कि वा अपने चारों पैरों पर फिर से नहीं चल सकेगी|
Bhatnagar ने बताया कि चूंकि वह अकेले रहते हैं और पूरे दिन मोआना को ध्यान देने की ज़रूरत होती है, इसलिए उन्होनें अपनी फेसबुक वॉल पर एक पोस्ट share कर के पूछा था कि कोई Moana को अपनाने के लिए तैयार है| किसी ने Rekha को टैग किया और वह उसे अपनाने के लिए आगे आईं|
Rekha ने अपने फेसबुक पेज पर Moana की कुछ photos और details पोस्ट किए। उनके भाई, महेश नायक और उनके दोस्त Abhinav Rao, जो कि मंगलूर के लूर्डेस सेंट्रल स्कूल की क्लास 7th में थे, को भी puppy के बारे में पता चला और Abhinav को Moana की मदद करने में बहुत दिलचस्पी हुई|
Mahesh ने कहा कि वह पिछले 10 सालों से उन्होनें अपने ऑफीस में एक piggy bank मेनटेन किया हुआ था| हर शाम,अपनी जेब में बचे change पैसे उस में डाल दिया करते थे| जो भी बच्चे उनके पास आते, उनको शैतानी से उसमें पैसे डलवते थे| बच्चों को भी piggy bank में पैसे डलवाने में बड़ा मज़ा आता था| उनका regular customer उनके दोस्त Rohit का बेटा Abhinav राव था, जिसे Abhi नाम से जानते थे| वो लोग उसके piggy bank को Abhi’s Dabbi कहते थे| Moana को ठीक करने के लिए Abhi का piggy bank तोड़ना एक अच्छा cause साबित हुआ|
Piggy bank तोड़ने के बाद Mahesh और Abhinav को उसमें सिर्फ़ 3900 रुपये मिले| इसलिए Mahesh ने अपने एक और दोस्त Rohit को उनकी मदद कर के 3900रुपयों को 4000 रुपये में round off करने के लिए मदद माँगी| एक नये wheel cart के लिए लगभग 10000 से 15000 रुपयों की ज़रूरत होती है| उन्होनें Rekha की मदद से Moana के लिए एक second hand cart manage कर लिया|
Mahesh और Abhinav उस वक़्त बहुत खुश हुए, जब उन्हें Moana को फीचर किया गया एक calender मिला| Mahesh ने कहा कि वो लोग बहुत खुश हुए जब उन्हें उनकी बहन ने एक animal charity के ज़रिए उन्हें Moana की cover फोटो वाला एक table calender दिया|
Moana की ज़िंदगी बचाने पर Abhinav Rao ने कहा कि वो कुत्तों से बहुत प्यार करते हैं, लेकिन flat में रहने की वजह से वो उन्हें घर में नहीं रख सकते| Mahesh अंकल, Moana के बारे में जानते थे और उसने खुद भी Moana की photos देखी थी| उसकी photos देखकर उसे बहुत बुरा लगा| उसके मम्मी-पापा उसके लिए सब कुछ खरीदते हैं, इसलिए उसने Moana की मदद करने का सोचा| उसने पहली बार किसी कुत्ते की मदद की है और वो उसे calender cover पर देखकर बहुत खुश है|
दिसंबर 2017 को क्यूबाबन पार्क में एक केक काट कर Moana का पहला जन्मदिन मनाया गया।ऐसे समय में जब हमें जानवरों से cruelty की खबर लगातार मिल रही है, तो हमें बस इस लड़के पर Moana को बचाने के लिए गर्व होना चाहिए|