लोगों को जीना सीखा गये Mukul Chandra Joshi
82 साल के Mukul Chandra Joshi, जिन्हें ‘Traffic Baba‘ के नाम से जाना जाता था, वो रोजाना नोएडा के ट्रॅफिक सिग्नल्स पर यात्रियों को 200 पैम्फलेट (pamphlets) देते थे, जिससे कि लोगों को traffic safety norms का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके|
एक सफेद गाउन और टोपी पहने, हाथ में माइक्रोफोन लिए Mukul Chandra Joshi उत्तर प्रदेश के नोएडा में प्रमुख यातायात क्रॉसिंग पर आम तौर पर देखा जाता था| हर शाम, बिना असफल, ये 82 साल का बीमा एजेंट, एक प्रमुख यातायात जंक्शन के लिए निकलता और विनर्मता से लोगों को पैदल चलने वालों के लिए रास्ता बनाने के लिए कहता, या लाल बत्ती पर भागने और हेल्मेट के बिना ड्राइव करने से लोगों को माना किया करता था|
मूल रूप से अल्मोड़ा, उत्तराखंड के रहने वाले मुकुल चंद्र 1973 में एयरफोर्स से फ्लाइट इंजिनियर के पद से रिटायर हुए थे| एक करीबी दोस्त के बेटे को सड़क दुर्घटना में खोने के बाद से 2003 से श्री जोशी ने ये मिशन शुरू किया था| उस हिला देने वाली दुर्घटना के बाद, उन्होनें ऐसी बेसुध मौतों को रोकने के तरीकों के बारे में सोचना शुरू कर दिया। उन्होंने फैसला किया कि लोगों को traffic rules और regulations के बारे में शांत तरीके से शिक्षित करना एक तरह से प्रभावी साबित हो सकता है|
Mukul Chandra Joshi ने किसी भी वित्तीय सहायता लेने से इंकार कर दिया था और प्रिंटिंग पुस्तिकाओं में जो भी खर्च आता था, वो खुद ही उसका खर्च उठाया करते थे| शुरूवात में, लोग उनके pamphlets नहीं लेते थे, लेकिन धीरे-धीरे वो सड़कों पर एक परिचित और सम्मानित व्यक्ति बन गए थे।
उनका कहना था कि उनका सबसे बड़ा इनाम, अजनबियों की कई कॉल और उनके पास आकर अपने प्रियजनों की ज़िंदगियों को बचाने के लिए धन्यवाद देना है|
सेक्टर-21 में रहने वाले Mukul Chandra उर्फ Traffic Baba करीब 20 साल से शहर के लोगों को यातायात के नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित कर रहे थे| उन्हें कई बार इस कार्य के लिए सम्मानित भी किया जा चुका है| उनकी उम्र में जहाँ लोग अपनी ज़िंदगी में सुकून के पल ढूँढते हैं, Mukul Chandra Joshi वो इंसान थे जिन्होनें दूसरों की ज़िंदगियाँ संवारते हुए अपनी आख़िरी साँस ली| नेक इन इंडिया सलाम करता है उनके इस जज़्बे को|
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