Madhuri, दृढ़ संकल्प से बनीं AFMC की पहली Women Dean
Madhuri Kanitkar ने ये कभी नहीं सोचा था कि वो बड़ी होकर इंडियन आर्मी जाय्न करेंगी| वो जब पुणे में 12th की स्टूडेंट थीं, तब उन्होनें ये ज़रूर सोचा था कि मेडिकल की पढ़ाई करनी है| उनके कुछ दोस्त NDA में चले गये थे, उनके कमरे में रहने वाली एक लड़की Airforce background से थी| उसी दोस्त ने Madhuri को पहली बार Armed Forces Medical College के बारे में बताया था, जिसकी आज Madhuri first woman dean हैं|
उन्होनें अपने पापा को भी इस बात के बारे में नहीं बताया था कि वो AFMC की तैयारी कर रही हैं| लेकिन जब उनका selection हुआ तो अपने पापा को उन्होनें letter लिखकर ये बात बताई| उनके पिता ने उनके सामने तमाम शर्तें रखीं और उनकी हाँ के बाद ही Madhuri ने AFMC में पढ़ाई की और अपने भावी पति से भी उनकी मुलाकात वहीं हुई|
1982 में, जब Madhuri आर्मी में कमीशंड हुई, तब देश में 20 women officers सेलेक्ट हुई थीं| कुछ ने आगे की राह छोड़ दी, जिसके बाद सिर्फ़ 6-7 बचीं| इसके बाद परिवार की ज़िम्मेदारी के चलते बाकियों ने भी रिटाइयर्मेंट ले लिया| आज, उस बैच की Madhuri ही सिर्फ़ देश सेवा में लगी हुई हैं|
Madhuri का कहना है कि कई बार ज़िंदगी में ऐसे पल भी आए जब उन्हें लगा कि अब आर्मी को अलविदा कह देना चाहिए क्यूंकी बच्चों और घर को एक साथ संभालना कठिन था| लेकिन, उनके पति Lieutenant General Rajeev Vasant Kanitkar ने उनका पूरा साथ दिया और उन्हें अपना कर्तव्य करने को कहा| Madhuri कहती हैं कि पति के सपोर्ट से ही वो आज यहाँ तक आ पाई हैं| उनकी बेटी विभूति, अमेरिका में विजुअल डिज़ाइनर हैं|
Madhuri भारतीय सेना की पहली Trained Paediatric Nephrologist हैं| उन्होनें पुणे और दिल्ली में भी इसकी यूनिट शुरू की हैं| इसके लिए उन्होनें छुट्टियाँ लेकर खुद के ख़र्चे से fellowship की और फिर सिंगापुर से 4 महीने का कोर्स किया| उसके बाद उन्होनें रॉयल कॉलेज यूके से urinary bladder inaction के ट्रीटमेंट और उसको ठीक करने की ट्रेनिंग ली|
(हमसे जुड़े रहने के लिए आप हमें फेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं )