Beula Gabriel ने अपना घर बेचकर पढ़ाया ग़रीब बच्चों को

Beula Gabriel 80 साल की होने वाली हैं, लेकिन आज भी हर रोज़ सुबह स्कूल जाती हैं और शाम तक काम करती हैं| पच्चीस साल पहले शुरू किए गये अपने स्कूल के बच्चों और टीचरों के साथ वक़्त बिताना, उनके सबसे खूबसूरत लम्हे होते हैं| उनका मानना है कि दुनिया का सबसे सुरक्षित भविष्य स्कूल की क्लासों में होता है| और वो कोशिश करती हैं कि ज़्यादा से ज़्यादा बच्चे इन क्लासों तक पहुँचे|

Beula Gabriel
Photo : thenewsminute.com

Beula Gabriel का जन्म सिकंदराबाद के एक बड़े परिवार में हुआ था| वो अपने नौ भाई-बहनों में सबसे बड़ी थीं, इसलिए उन्होनें बहुत छोटी उम्र से ही भाई-बहनों का ख़याल रखना सीख लिया था| उनके पिता इंजिनियर और माँ डॉक्टर थीं| जैसे-जैसे वो बड़ी हुईं, उन्होनें देखा कि उनकी माँ गाँव की कुछ लड़कियों को हमेशा घर में लाती थीं, उन्हें पढ़ाती थी और फिर आगे चलकर नर्सिंग ट्रेनिंग के लिए उनका रेजिस्ट्रेशन करवा देती थीं| इस तरह वो लगातार इलाक़े की ग़रीब लड़कियों को शिक्षा और रोज़गार देती थीं| इसी तरह उन्होनें अपने पिता को भी कई लोगों की मदद करते हुए देखा था| इन सब बातों से उन्हें शिक्षा की ताक़त का अंदाज़ा बहुत पहले ही हो गया था| और इसी वज़ह से उनके मन में टीचर बनने का सपना घर कर गया, ताकि वो भी ज़रूरतमंद बच्चों के लिए कुछ कर सकें|

Beula Gabriel
Photo : TBI.com

उनके स्कूल खोलने से कुछ साल पहले उनके परिवार ने एक दूसरा स्कूल शुरू किया था| लेकिन Beula Gabriel ने उस स्कूल के management से खुद को अलग कर लिया| दरअसल, उनके परिवार के लोग चाहते थे कि स्कूल को दूसरे मॉडर्न-स्कूलों की तरह बनाया जाए और rich families से महंगी फीस चार्ज की जाए| इस वज़ह से स्कूल से ग़रीब परिवारों के बच्चों का रिश्ता टूटता चला गया और Beula को ये गवारा नहीं था|

Beula Gabriel
Photo : thenewsminute.com

Beula Gabriel चाहती थीं कि उनके स्कूल में आकर हर कोई equal way में पढ़ाई कर सके| इसलिए उन्होनें St. Joseph School शुरू किया| जो बच्चे दूसरे स्कूलों में entrance exams में फेल हो जाते थे, वो उन्हें admission देते थे क्यूंकी उन्हें पता था कि बच्चों की educational status उनकी financial condition पर depend करता है| कम फीस होने की वजह से उनके स्कूल टीचर्स की सॅलरी ज़्यादा नहीं है, लेकिन इसके बावजूद वो अपना 100% देते हैं|

Beula Gabriel
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10th क्लास तक वाले उनके स्कूल में करीब 300 बच्चे हैं| स्कूल के दरवाज़े उनके ऑफीस की तरह ही हमेशा खुले रहते हैं| स्कूल की आया अक्सर उनसे शिकायत करती है कि लंच-ब्रेक के वक़्त कम से कम दरवाज़े बंद रखें जाएँ|उनके स्कूल की बिल्डिंग भी खुद की नहीं है, लेकिन बिल्डिंग-ओनर काफ़ी अच्छे हैं, जिस वजह से उन्हें ज़्यादा दिक्कत नहीं होती है|

Beula Gabriel
Photo : sjsschool.org

एक वक़्त ऐसा भी आया, जब Beula Gabriel को स्कूल को ज़िंदा रखने के लिए अपने बेटे द्वारा गिफ्ट किया गया घर भी बेचना पड़ा था| उनका बेटा एक successful businessman है, जबकि वो खुद किराए के मकान में रहती हैं| वो कहती हैं कि उनके इस फ़ैसले से उनके बेटे को तकलीफ़ तो बहुत हुई होगी, पर उन्होनें कभी इस मुद्दे पर बात नहीं की| शायद उनके बेटे को उनके जुनून का बखूबी अंदाज़ा है| स्कूल के लिए, उनके द्वारा पढ़ाए गये ex-students से financial help मिलती रहती है, जो आज दूसरे राज्यों या विदेश में एक अच्छी ज़िंदगी जी रहे हैं|

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Geeta Rana

I am a Content Writer by Hobby, A Blogger by profession, as well as Owner of Nekinindia.com.

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