31 साल के Goutham Kumar हैं सैकड़ों लोगों की आशा की किरण
हैदराबाद के 31 साल के Goutham Kumar सैकड़ों लोगों के लिए आशा की उम्मीद बन गए हैं, जिनकी कि वह पिछले पांच सालों से मदद कर रहे हैं। वो न केवल शहर के बेसहारा लोगों के लिए एक crusader हैं, बल्कि उनकी ज़िंदगी में सुधार करके गरीबों, कमजोर और उपेक्षित व्यक्तियों और अनाथ बच्चों की हरसंभव मदद कर रहे हैं|
2014 में उनकी NGO Serve Needy की स्थापना से पहले, Goutham ने मार्केटिंग फील्ड में अपना काम शुरू किया और तब से, उन्होंने different domains में various capacities में काम किया। हालांकि, इससे उन्होनें ज़रूरतमंद लोगों के बारे में सोचना बंद नहीं किया| Goutham, जो उस वक़्त 26 साल के थे, समझ गए कि वो समाज को meaningful way से contribute करना चाहते हैं और यही वो वक़्त था, जब उन्होनें अपना volunteering का काम शुरू किया|
NGO ने हैदराबाद में 6 projects किए, जिनका काम ज़रूरतमंदों की सेवा करना था| एक साल बाद, NGO ने न केवल 2 नये प्रॉजेक्ट्स को शामिल करने के लिए अपने operations को बढ़ाया है, बल्कि आंध्र प्रदेश में भी दो अन्य जगहों में expand किया है|
उन्होंने जिन नये प्रॉजेक्ट्स पर जोर दिया उनमें से एक ‘Last Rites’ था।
Goutham Kumar ने कहा कि उन्होनें shelter homes में रहने वाले, जवान और बूढ़े सैकड़ों लोगों को खाना खिलाया है, जो कि ज्यादातर अनाथ हैं। या तो वे अपने परिवारों द्वारा अस्वीकार हो चुके हैं या सालों से रिश्तेदारों द्वारा neglect किए गए हैं। उन्होंने महसूस किया कि इन लोगों के लिए, वो ही आशा की एकमात्र किरण हैं|
उन्होंने यह भी समझा कि उन लोगों की मृत्यु के बाद उनका अंतिम संस्कार करने के लिए कोई नहीं होगा। इसलिए, जैसा कि नाम से पता चलता है, Goutham ने व्यक्तिगत रूप से shelter homes के लोगों के अंतिम संस्कार करने का काम उठाया, जिन्हें उनके परिवारों द्वारा neglect किया गया था।
इतना ही नहीं, बल्कि उन्होंने unclaimed bodies का अंतिम संस्कार करने का काम भी अपने हाथों में लिया। Goutham ने कहा कि उनके लिए ये आत्मा के लिए काम करने जैसा है, ये किसी भी प्रॉजेक्ट्स से उपर है। वो ये भी मानते हैं कि जब तक वो ज़िंदा हैं, तब तक किसी को भी अनाथ के रूप में मरने नहीं देंगे|
आज तक, Goutham Kumar ने कम से कम 300 लोगों के लिए अंतिम संस्कार किया है और ये कार्यक्रम, जाति या धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करता है। अपने अनुभव को साझा करते हुए, Goutham ने कहा कि उनकी इस पहल को पूरी दुनिया में लोगों से प्रशंसा मिली है। उन्होंने कहा कि लोग उनके इस प्रॉजेक्ट पर documentaries बनाने के लिए शहर आए हैं।
इस महान काम के अलावा, Goutham का NGO पर्यावरण संरक्षण और शिक्षा के कारणों की भी मदद कर रहा है। अपनी नई पहल Green Books के साथ, Goutham और उनकी टीम waste paper materials collect कर रही है और इसे सरकारी स्कूलों में distribute करने के लिए नोटबुक बनाने के लिए recycling कर रही है। चार महीने के समय में, गौतम ने कहा कि उन्होंने 15,000 किलोग्राम waste paper materials को इकट्ठा किया था जो आठ से दस हजार नोटबुक बनाने में मददगार साबित हुआ था|
हालांकि, उनकी उपलब्धियों को 25 सदस्यीय मजबूत टीम के बिना हासिल करना मुश्किल था, जो एनजीओ के लिए काम करने के लिए volunteer हैं और Goutham Kumar के सभी कामों में उनकी सहायता करते हैं। दो ग्रूप्स में divided टीम के 6 member government hospitals और shelter homes में जरूरतमंदों को खिलाने के लिए हर दिन शहर के अलग-अलग हिस्सों में travel करते हैं। वो हैदराबाद में अकेले 500 से 1000 लोगों को खाना खिलाते हैं। हैदराबाद में अपने food distribution project, ‘Anna Daatha’ की सफलता के बाद, Serve Needy ने अपने operations को दो अन्य स्थानों, विजयवाड़ा और नंदियाल में expand किया है, जहां वो 250 से 400 लोगों को रोज़ खाना खिलाते हैं|
Goutham कहते हैं कि वह एक ऐसे भारत की कल्पना करते हैं, जो hunger-free और no-orphan देश बने| मानवता और समाज की सेवा करना सिर्फ गौतम और उनकी टीम के लिए जुनून नहीं है, बल्कि यह उनके जीवन का उद्देश्य बन गया है।
Nek in India समाज में बदलाव लाने के प्रयासों के लिए Goutham Kumar और उनकी टीम को सलाम करता है।
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