जीवन की असफलताओं से डरना नहीं, बल्कि असफलताओं से सीखना चाहिए
ऑटो ड्राइवर का नाम सामने आते ही एक कम पढ़े-लिखे इंसान की तस्वीर दिमाग़ में आती है| लेकिन केरल के इस ऑटो ड्राइवर न केवल पीएचडी की है बल्कि वो सरकारी कॉलेज में बतौर गेस्ट लेक्चर काम भी करता है| कॉलेज में पढ़ाने के बाद वो अपना ऑटो लेकर निकल जाता है क्योंकि उसे ऑटो चलाना पसंद है| वो हर रोज अपने ऑटो-रिक्शा से मरीज़ों और बुजुर्गों को अस्पताल छोड़ता है। साथ ही सड़क पर लोगों की जितनी मदद हो पाती है, करने की कोशिश करता है|
ऐसी ही दिलचस्प और सकारात्मक कहानी है केरल के रहने वाले KP Ajith की। उन्होंने मलप्पुरम स्थित सरकारी मलयालम विश्वविद्यालय से पढ़ाई करते हुए अपनी पीएचडी पूरी की है| वर्तमान में वो श्री सी. अचुथा मेनन गवर्नमेंट कॉलेज, तृश्शूर में बतौर गेस्ट लेक्चरर कार्यरत हैं| बच्चों को पढ़ाते हैं, मगर ऑटो-रिक्शा चलाना नहीं छोड़ा है|
सूत्रों से बात करते हुए उन्होंने बताया कि ऑटो-रिक्शा की सवारी करना उनके लिए आय का एक अच्छा स्रोत था| मगर, निश्चित रूप से उन्होंने सिर्फ़ पैसों के लिए उसे नहीं चुना| वो छोटी उम्र से ही एक ड्राइवर बनना चाहता थे| उन्हें इस काम में खुशी मिलती है|
KP Ajith बताते हैं कि वो अपने ऑटो-रिक्शा में कई रोगियों, बुजुर्गों और अन्य लोगों को अस्पतालों में लेकर गए हैं| इस दौरान उन्हें उनके साथ की गई बातचीत की मदद से कई नई चीजें सीखने को मिली और एक बेहतर इंसान बनने में ये सब उनके लिए मददगार है|
उनका मानना है कि आज वो जो भी हैं उसके लिए उनके कई यात्रियों ने उनकी मदद की है| यही कारण है कि वो हमेशा ड्राइवर बनकर ऑटो रिक्शा चलाते रहना चाहते हैं| उनके लिए ये खुशी की बात है कि, वो अब कई छात्रों को ज्ञान प्रदान करने में भी सक्षम हैं, जिसके बारे में उन्होंने कभी भी नहीं सोचा था|
हालांकि, KP के लिए पीएचडी तक का सफ़र आसान नहीं था| दसवीं कक्षा में वो फैल हो गए, लेकिन हिम्मत हारने के बजाय दुगुने आत्मबल के साथ परीक्षा दी और अच्छे अंकों से उत्तीर्ण हुए। पीएचडी करने के बाद स्थायी सरकारी नौकरी के लिए ज़रूरी नेट परीक्षा के लिए भी उन्होंने चार प्रयास किए फिर जाकर सफलता मिली।
उनका बचपन बड़े संघर्षों में बीता| घर पर पढ़ने के लिए लाइट नहीं थी, मज़दूरी करने के लिए खदान पर जाना और बाद में आजीविका के लिए ऑटो चलाना| जीवन के कई मोड़ पर वो असफल हुए लेकिन आगे बढ़ना नहीं छोड़ा|
कुल मिलाकर KP Ajith का पूरा जीवन प्रेरणा स्रोत है| उनका व्यक्तित्व सिर्फ़ विनम्रता और ईमानदारी का प्रतीक नहीं है| बल्क़ि, ये भी बताता है कि हमें जीवन की असफलताओं से डरना नहीं चाहिए, बल्कि असफलताओं से सीखना चाहिए|
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