पैसा रोज़ कमा सकते हैं, लेकिन इंसानियत कभी-कभी मौका देती है
एक ओर जहां देशभर में मजदूरों की बदहाली की तस्वीरें सामने आ रही हैं कि कैसे वो भूखे-प्यासे सड़कों पर सैकड़ों किलोमीटर चले जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इनके लिए मसीहा बनकर सामने आ रहे हैं। इन्हीं में से एक हैं दिल्ली के Pappan Singh.
दरअसल, बाहरी दिल्ली स्थित बख्तावरपुर इलाके के तिगीपुर गांव के किसान Pappan Singh की दरियादिली के कारण लॉकडाउन के चलते पिछले 2 महीने से दिल्ली में फंसे 10 मजदूर बिहार अपनों के बीच न केवल पहुंच पाएंगे, बल्कि ज़िंदगी में पहली बार हवाई जहाज के सफर का आनंद भी उठा सकेंगे। संभवतः देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि जब 10 बेहद गरीब मजदूर हवाई सफर तय करके अपने गृह जिले/प्रदेश जा रहे हैं|
सूत्रों के अनुसार, Pappan Singh Gehlot बाहरी दिल्ली के अपने गांव में सालों से मशरूम की खेती करते आ रहे हैं। ऐसे में इनके खेतों में काम करने के लिए पिछले 25 सालों के दौरान बिहार से कुछ मजदूर भी आते हैं और जब इनका काम ख़त्म हो जाता है तो वापस चले जाते हैं। ऐसे में कुछ मजदूरों के साथ उनका ऐसा रिश्ता बन गया है, जिसे वो बयां नहीं कर पाते हैं। Pappan को मजदूरों के दर्द का अहसास हुआ तो उन्होंने इंसानियत की मिसाल पेश करते हुए 10 मजदूरों को हवाई जहाज के जरिये बिहार भेजने का खर्च उठाने का फैसला किया। इन सभी मजदूरों को बिहार भेजने में पप्पन 50,000 रुपये से अधिक का खर्च कर रहे हैं। वो कहते हैं, बात पैसे की नहीं है। जब ये मज़दूर अपने घर-परिवार के बीच पहुंचेंगे, तो वो खुशी वो ख़ुद भी महसूस करेंगे| पैसे वो रोज़ कमा सकते हैं, लेकिन इंसानियत कमाने का मौका कभी-कभी मिलता है। मौका मिला है तो इंसानियत का फर्ज निभा लिया।
बताया जा रहा है कि हर साल की तरह इस बार भी बिहार से 10 मजदूर तिगीपुर आए, लेकिन लॉकडाउन के कारण फंस गए| ऐसे में उनके लिए बिहार पहुंच पाना मुश्किल हो गया, जबकि कोरोना संकट को देखते हुए सभी लोग जल्द से जल्द अपने घर जाना चाहते थे|
इन मजदूरों के बारे जब पप्पन को पता चला तो उन्होंने सभी 10 मजदूरों की चिंता को तुरंत दूर कर दिया और उन्होंने खुद के खर्च से सभी मजदूरों के लिए 28 मई के लिए हवाई जहाज की टिकट का प्रबंध कर दिया व बख्तावरपुर के निगम पार्षद सुनीत चौहान की मदद से उनकी मंगलवार को स्क्रीनिंग कराकर, यात्रा के लिए जरूरी औपचारिकताओं को पूरा कराया है। बस, अब सभी मज़दूर 28 मई को उड़ान भरेंगे|
मजदूरों ने कहा कि जब उन्होंने अपने स्वजनों को बताया कि वो हवाई जहाज से आ रहे हैं तो उन्हें बिलकुल विश्वास नहीं हुआ। वहीं, Pappan Singh ने कहा कि वो अपने मजदूरों को तीन -तीन हजार रुपये बतौर बख्शीश भी दे रहे हैं और साथ ही यदि कोई भी दिक्कत इन्हें बिहार में होती है तो वो इन्हें वहां और भी पैसे भेज देंगे क्योंकि पिछले 25 सालों में इन लोगों के साथ घर परिवार का रिश्ता बन गया है।
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