इंसान तो हर घर में पैदा होते हैं, बस इंसानियत कहीं-कहीं जन्म लेती है

आजकल लोग जहाँ किसी को 10 रूपए देने में हिचकिचाते हैं, वहीँ केरल फायर एंड रेस्क्यू सर्विसेज विभाग के एक स्टेशन अधिकारी, A L Lazar ने ब्रैस्ट कैंसर से जूझ रही भूमिहीन(landless) महिला ओमाना रैपेयी के नाम पर अपनी 8% भूमि का एक हिस्सा रजिस्टर्ड कर दिया है|

त्रिशूर के कोडनूर की 57 वर्षीय महिला ने कोविड लॉकडाउन के दौरान अस्पताल जाने के लिए विभाग की सहायता मांगी थी। उसकी कीमोथेरेपी करवाने के लिए उसे हरसंभव सहायता प्रदान की गई। लेकिन, इसके साथ ही एक और सरप्राइज उन्हें मिला, वडक्कानचेरी के थानाधिकारी Lazar द्वारा उन्हें तीन सेंटीमीटर जमीन उपहार में दी गई| उन्होंने अपनी जेब से ही ज़मीन का रजिस्ट्रेशन शुल्क भी खर्च किया।

ओमाना 12 साल से किराए के मकान में रह रही है| उसकी दो बेटियाँ हैं और उसने उनकी शादी करने के लिए अपनी पाँच-प्रतिशत संपत्ति बेच दी थी। पति काम पर जाते थे, लेकिन कुछ महीने पहले उनकी बाँह में फ्रैक्चर हो गया। वो अस्थमा के मरीज़ भी हैं। अब वो एक सुरक्षा गार्ड की नौकरी कर रहे हैं| उनकी सबसे बड़ी बेटी, जिसकी दो बेटियां हैं, उनके साथ रह रही है क्योंकि उसका पति उनकी देखभाल नहीं करता है। वो एक दुकान पर काम करती थी, लेकिन वो भी लॉकडाउन से बंद हो गई|

A L Lazar
Photo : m.timesofindia.com

 

A L Lazar ने कहा कि अपने दोस्त संदीप के सुझाव देने के बाद ही बिना ज्यादा सोचे उन्होंने और उनकी पत्नी ने जमीन दान करने का फैसला लिया| केरल फायर ड्राइवर्स एंड मैकेनिक्स एसोसिएशन ने उनके लिए एक घर बनाने का वादा किया था। क्यूंकि रोमाना के नाम पर कोई जमीन नहीं थी, इसलिए उन्होंने जमीन देने का वादा किया|

अप्रैल के लास्ट वीक में संदीप ने लाजर को एक महिला को कीमोथेरेपी के लिए हॉस्पिटल पहुँचाने की व्यवस्था करने के लिए, मदद मांगने के लिए फोन किया था| Lazar ने उनसे त्रिशूर फायर स्टेशन से संपर्क करने के लिए कहा। तब रोमाना ने उनकी मदद करने गए ड्राइवरों को अपनी दुर्दशा के बारे में बताया था और इस तरह उन्हें उसके बारे में पता चला|

A L Lazar ने कहा कि जिले में ड्राइवरों की एसोसिएशन विनोदकुमार के नाम पर चैरिटी का काम करती है, जो एक फायर एंड रेस्क्यू ऑफिसर थे और ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए थे| उन्होंने कहा कि विनोद ने उनके साथ एक बार काम किया था। उन्हें भी लगा कि ये उनके भाग्य में हो कि वो इस उद्देश्य के लिए जमीन दान करें|

A L Lazar
Photo : m.timesofindia.com

केरल फायर एंड रेस्क्यू सर्विसेज के महानिदेशक हेमचंद्रन ने कहा कि वो स्टेशन अधिकारी के इस काम को सुनकर चकित थे। उन्हें लगा कि Lazar ने ये निर्णय आवेग में आकर लिया है। इसलिए उन्होंने Lazar को फोन किया और उनके परिवार की मंजूरी पूछी। तब A L Lazar ने कहा कि उनकी पत्नी इस कॉज़ के लिए ज्यादा कमिटेड है| उन्होंने कहा कि उनके कर्मचारी इस लॉकडाउन के दौरान असाधारण सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।

संदीप ने कहा कि वो जानते थे कि Lazar एक उदार स्वभाव के हैं| उन्होंने बताया कि बाढ़ के दौरान, उनके परिवार ने अपनी मां के अंतिम संस्कार के कार्यों को रोककर मुख्यमंत्री राहत कोष में 1 लाख रुपये से ज्यादा का दान दिया था। वो इस लॉकडाउन के दौरान दवाओं के साथ कई लोगों की मदद भी कर रहे हैं|

ओमाना ने कहा कि फायर ऑफिशल्स ने उन्हें छत दी है, ऐसा कुछ होने की उम्मीद उन्होंने कभी नहीं की थी। उन्होंने अभी कम से कम तीन महीने का किराया नहीं दिया है। फायर ऑफिशल्स ने उन्हें एक नई उम्मीद दी है|

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Geeta Rana

I am a Content Writer by Hobby, A Blogger by profession, as well as Owner of Nekinindia.com.

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