बेज़ुबानों के लिए रोज़ाना 35km का सफर करता है ये इंसान
Ganesh Kumar रोजाना शाम 7 बजे अपने घर से उन आवारा पशुओं को खिलाने के लिए ताजा तैयार भोजन के साथ अपनी कार को लोड करके निकलते हैं, जो हर रोज़ खाने के लिए उनके आने का बेसब्री से इंतजार करते हैं। जब से COVID -19 महामारी की वजह से लॉकडाउन हुआ है, तब से 47 साल के Ganesh Kumar की दैनिक दिनचर्या यही है| Ganesh, लॉकडाउन में मदद करने के लिए लगभग 150 आवारा कुत्तों को खाना खिलाते हैं| वो हर दिन एक ही समय और एक ही रास्ते से जाते हैं, ताकि उनके चार-पैर वाले दोस्त निराश न हों |
लोग खुद को घर के अंदर ही सीमित कर रहे हैं और सड़कों पर केवल आवारा कुत्ते ही दिखते हैं। आवारा कुत्तों के लिए रातोंरात हालात बदल गए हैं। रेस्तरां और सड़क के किनारे भोजनालयों के बंद होने से, इन जानवरों को भुखमरी का सामना करना पड़ रहा था। गणेश का कहना है कि एक पशु प्रेमी होने के नाते वो अपना काम करना चाहते थे। ये पहली बार है कि वो ऐसा कुछ कर रहे हैं और इस काम से उन्हें बहुत संतुष्टि मिल रही है|
वो कुत्तों की ज्यादा आबादी वाले स्थानों पर हरदिन लगभग 35 किलोमीटर की दूरी तय करते हैं।Ganesh का कहना है कि वो ऊरुट्टबलम में अपने घर से शुरू करते हैं और शहर के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों में कई जगहों को कवर करते हैं। उन्हें ऐसे लोगों से कॉल मिलना शुरू हो गए हैं, जो उन्हें उन स्थानों पर सचेत कर रहे हैं, जहां से स्ट्रैट्स स्पॉट किए गए हैं। क्योंकि ये गर्मी का समय है, शाम को जानवर सड़कों पर निकलते हैं और तब वो उन्हें खाना खिलाते हैं| वो अकेले ईंधन खर्च के लिए हर दिन लगभग 600 रुपये खर्च करते हैं। प्रवाचम्बलम, किला, अटाकुलंगरा, एनचक्कल, सुभाष नगर, ऑल सेंट्स कॉलेज जंक्शन, पीएमजी, सचिवालय, पलियाम, पेट्टा और पलकुलंगारा कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जिन्हें वो कवर करते हैं|
Ganesh Kumar कहते हैं कि वर्तमान में, उनके अपने kennel में 17 कुत्ते हैं। वो बहुत कम उम्र से ही Breeding business में लग गए थे। उन्होंने केनेल में कुत्तों के लिए खाना तैयार करने के लिए एक विशेष खाना पकाने की सुविधा तैयार की है। वो अब इसका इस्तेमाल इन सड़क के कुत्तों के लिए खाना बनाने के लिए कर रहे हैं| लॉकडाउन के कारण, उन्हें मांस और अन्य कच्चे माल लेने के लिए कई दुकानों में जाना पड़ता है। वो अपने केनेल के कुत्तों और स्ट्रैस को वही खाना देते हैं| जब उनके चूल्हे की गैस ख़त्म हो जाती है, तो वो पारंपरिक जलाऊ लकड़ी के चूल्हे का इस्तेमाल करते हैं|
Nek In India दुनिया का पहला ऐसा Donation Campaign लाया है, जिसमें आप अपने आस-पास की या social media पे चलने वाली positive और नेक खबर/वीडियो, nekinindia@gmail.com पर मेल कर सकते है या हमारे whatsapp number 7217876194 पर भेज सकते है| हम वही अच्छाई अपनी website पर आपके नाम के साथ डालकर पूरी दुनिया तक पहुंचाएंगे| तो आज ही करें Donate Positive News.
(हमसे जुड़े रहने के लिए आप हमें फेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं )