BSF के जवान ने लोन लेकर खिलाया गरीबों को खाना

‘एक सिपाही कभी ऑफ ड्यूटी नहीं होता है’, अक्षय कुमार अभिनीत, 2014 की सुपरहिट बॉलीवुड फिल्म हॉलिडे की टैगलाइन में हम सभी ने पढ़ा था|

ये बात इस बीएसएफ जवान के मामले में सच है, जो छुट्टी पर अपने घर आया है। अपने प्रोफेशन के प्रति सच्चाई, इस सैनिक को तब आगे लेकर आयी जब उसने लोगों को मुसीबत में देखा|

न केवल युद्ध के मैदान पर, बल्कि घर वापिसी में भी, जहां गरीबों को एसेंशियल सप्लाइज की जरुरत थी, उन्होंने न सिर्फ अपनी जान जोखिम में डाली, बल्कि अपनी जेब से भी उनकी मदद की।

आवश्यक वस्तुओं की खरीद के लिए ट्रांसपोर्टेशन फैसिलिटीज की नॉन-अवेलेबिलिटी की वजह से गरीबों की दुर्दशा को खुद अपनी आँखों के सामने देखते हुए, सीमावर्ती सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान Pitta Rajulu ने संथोबलमाली मंडल के पित्तवनिपेटा से लेकर अब तक लक्कीवलासा पंचायत के विभिन्न आवासों में 720 से ज्यादा घरों में एसेंशियल कमोडिटीज का डिस्ट्रीब्यूशन किया है।

इसके लिए, Pitta Rajulu ने अब तक अपनी जेब से 1.30 लाख रुपये से ज्यादा खर्च किए हैं। इस राशि में मार्च का उनका आरएस 40,000 वेतन शामिल है। उन्होंने जरूरतमंदों की सेवा के लिए कुछ ज्ञात व्यक्तियों से भी ऋण लिया। लक्कीवासा पंचायत में लक्कीवासा, पित्तवनिपेटा, सेगिरी लक्किवलासा, गोलगुवनिपेटा और गेडलडाप्पड हैलेट्स के ज्यादातर मछुआरे लोग हैं।

Pitta Rajulu
Photo : newindianexpress.com

लॉकिंग के कारण मार्केटिंग और ट्रांसपोर्टेशन की समस्याओं के कारण, तटीय गांवों के मछुआरे समुद्र में नहीं जा रहे हैं। उनमें से कुछ कंस्ट्रक्शन वर्क्स के लिए, अपने परिवारों और बुजुर्ग लोगों को पीछे छोड़ दूसरे राज्यों में चले गए थे और लॉकडाउन के कारण वहीँ फंसे हुए हैं।
आवश्यक वस्तुओं को खरीदने के लिए, हेमलेट के लोगों को बोरुबदरा जाना पड़ता है, जो पंचायत से 6 किमी दूर है।

छुट्टी पर अपने मूल स्थान पर आए Pitta Rajulu ने कहा कि एसेंशियल कमोडिटीज को प्राप्त करने के लिए लोगों की कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए, उन्होंने हर संभव तरीके से उनकी मदद करने का फैसला किया है। वो ओडिशा के खुर्दा में तैनात हैं। इस काम के लिए उन्हें मार्च का पूरा वेतन और अपनी बचत राशि खर्च करनी थी। उन्होंने खर्चों को पूरा करने के लिए हैंड लोन भी लिया, उनका कहना है कि वो अपने अगले महीने के वेतन के साथ ऋणों को चूका देंगे। इस पहल में, Pitta Rajulu को कुछ युवाओं का समर्थन मिला, जिन्होंने बोरुबदरा, संताबोमाली और श्रीकाकुलम में विभिन्न दुकानों से आवश्यक वस्तुओं को खरीदने में उनकी मदद की। गेदलडापडू गांव के निवासी टी वेंकटेश ने कहा कि प्रत्येक हैमलेट के पांच युवाओं ने विभिन्न स्थानों से आवश्यक वस्तुओं को लाने में जवान की मदद की।

हमें गर्व है जैसे लोगों पर जो देश की सेवा करते हुए समाज के काम भी आ रहे हैं, नेक इन इंडिया उनके सुन्दर भविष्य की मंगलकामना करता है|

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Geeta Rana

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