उत्तराखंड की Madhulika Thapliyal बना रही हैं बच्चों का भविष्य

गढ़वाल की पहाड़ियों में एक गामडिदगांव नाम का गांव है| मेन-रोड से लगभग दो किमी दूर एक जेंटल, घुमावदार, पहाड़ी चढ़ाई है| मानसून के दौरान, बादल स्कूल की इमारत की छत पर धीरे-धीरे गुजरते हैं। Madhulika Thapliyal इस प्राइमरी स्कूल की head teacher हैं और Pavitra Rawat उन्हें assist करती हैं| दोनों मिलकर पाँचों क्लासों को सारे subjects पढ़ाते हैं।

Madhulika Thapliyal 1993 में टीचर बनीं और अब गामडिदगांव में आए हुए उन्हें 11 साल हो चुके हैं, जहां उन्होंने लोगों के साथ गहरा और अटूट रिश्ता बना लिया है। Madhulika, कुछिदेवि नाम की जगह में रहती हैं, जो कई मील दूर है।

उनका दिन सुबह 4 बजे शुरू होता है क्योंकि उन्हें अपनी joint family के लिए ख़ाना भी तैयार करना होता है। सुबह 7 बजे तक, वो गामडिदगांव के एक नजदीकी पॉइंट तक बस लेती हैं| वहां से, वो दो किलोमीटर की उँची चढ़ाई के लिए पहाड़ी के base तक पहुँचने के लिए एक shared auto लेती हैं| हर मॉनसून, एक नहीं बल्कि कई बार, Madhulika स्कूल जाते वक़्त किसी ना किसी पॉइंट पर कमर तक पानी में गहरी डूब जाती हैं| एक पेड़ की शाखा की मदद से वो खुद को संभालते हुए आगे बढ़ने में सक्षम होती हैं| वो सुबह 7:45 बजे तक स्कूल में होती हैं और आजतक उन्हें कभी देर नहीं हुई| इससे उन्होनें खुद को एक अच्छा शिक्षक भी साबित किया है।

Madhulika Thapliyal
Photo : representable image

Madhulika Thapliyal से ये पूछे जाने पर कि उन्हें क्या एक अच्छा टीचर बनाता है, वो हल्के से अपने कंधे उचकाकर बस इतना कहती हैं कि वो कुछ स्पेशल नहीं कर रही हैं| उन्हें देखकर कोई भी बता सकता है कि इस teacher में हर बच्चे को engage रखने के पूरे skills हैं| और गौर करने पर ये भी पता चलता है कि बच्चे क्लासरूम में बिल्कुल घर जैसा महसूस करते हैं| यहाँ तक कि बरसात के दिनों में भी, 39 बच्चों में से 36 बच्चे morning assembly के लिए स्कूल पहुँच जाते हैं, वो लोग एक भी दिन miss नहीं करना चाहते हैं|

अक्सर, गामडिडगांव जैसे दूर बस्ती में, first generation learners की learning achievements ही स्कूल की क्वालिटी से जुड़ा हुआ एक indicator है| बच्चों को अपने टीचर के साथ freely, issues पर discuss करने की ability या जिस तरह से turnwise वो courtyard में blackboard पर ‘news of the day’ लिखते हैं, ये एक और छोटा सा indicator है। इस बोर्ड पर इस तरह की news दिखती हैं – ‘शिवराज के पिता आज देहरादून से आ रहे हैं’| जो ये दर्शाता है कि गांव के लिए ये एक important घटना है। या ये भी पढ़ा जा सकता है, ‘हमारे गांव में, पंकज की दादी बहुत बीमार पड़ गई हैं’, जो एक classmate के dear one की health के लिए concern को indicate करती है। Madhulika Thapliyal के लिए, ये village news bulletin खुद को व्यक्त करने और उनके स्कूल में विकसित होने वाले social values को develope करने के लिए बच्चों की abilities का एक important indicator है।

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Geeta Rana

I am a Content Writer by Hobby, A Blogger by profession, as well as Owner of Nekinindia.com.

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