गाँव की औरतों ने ख़ुद निकाला अपनी परेशानी का हल
भगवान ने हर इंसान के अंदर ऐसी ताक़त दी है कि वो अपनी problem का solution खुद ढूंड सकता है क्योंकी दूसरों को उस काम के ज़िम्मेदार ठेहराना, एक बहाने से ज़्यादा कुछ नहीं है|
बिहार की राजधानी पटना की कुछ औरतों ने इस बात को सच किया है कि कैसे अपने प्रयासों से इंसान बड़ी से बड़ी प्राब्लम solve कर सकता है|
पटना से लगभग 276 किमी साऊथ-ईस्ट में बांका डिस्ट्रिक्ट के एक दूरस्थ गांव की औरतों के एक ग्रूप ने तीन दिनों में वो कर दिखाया, जो वहां की सरकार सालों से नहीं कर सकी थी|
दरअसल इन औरतों ने खुद अपने दम पर सिर्फ़ 3 दिन में गांव के लिए road बनाने जैसा social और courageous काम किया है|
बांका के बाउंसी ब्लॉक के निमा, जोरपुर और दुर्गापुर गांवों के लगभग 2,000 लोगों को कई सालों से गांव में कोई पक्की road ना होने की वज़ह से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था| निमा गांव की रेखा ने सूत्रों से बातचीत के दौरान बताया कि उनके गांव में 2.5 किमी दूर Block Headquarter तक पहुंचने के लिए कोई पक्की road नहीं थी|
गांव से ब्लाक तक का रास्ता इतना खराब था कि टाइम पर medical-facility ना मिल पाने की वज़ह से कई लोगों की जान तक भी चली गई थी| जिसमें ज्यादातर प्रेग्नेंट-औरतें थीं| रेखा ने बताया कि इस साल जनवरी में, बबिता देवी (28) की मृत्यु उनके पहले बच्चे की प्रसव के दौरान हुई क्योंकि उनका परिवार उन्हें टाइम पर प्राइमरी हैल्थ-सेंटर नहीं ले जा पाया|
उन्होंने बताया कि ऐसा नहीं है कि local administration ने road बनाने के लिए कोई step ना लिया हो| लगभग 3-4 साल पहले सरकार की तरफ से land acquisition का काम शुरू हुआ था, लेकिन land owners द्वारा protest की वजह से प्लान आगे नहीं बढ़ पाया|
इस पूरे process को परदे के पीछे से देखने के बाद एक दिन गांव की औरतों ने खुद से रोड बनाने का फैसला किया| इसके लिए उन्होंने आदमियों से भी थोड़ी मदद ली और सिर्फ तीन दिनों में 130 से ज़्यादा औरतों ने मजदूरी करके 2 किमी रोड बना दी|
Road बनाने से पहले, औरतों ने उन local land owners से संपर्क किया जिन्होंने पहले road के लिए अपनी जमीन देने से माना कर दिया था|
लेकिन ख़ास बात ये रही कि इन औरतों ने समझा बुझाकर और उन्हें उनकी ज़मीन देने के लिए माना लिया| आश्चर्य की बात ये है कि अब रोड का 70% construction उन्हीं लोगों की जमीन पर हो रहा है| इस बारे में land owner दशरथ मिश्रा और रमाकांत झा ने कहा कि वो औरतों के उत्साह को देखने के बाद अपनी जमीन road construction के लिए देने के लिए राजी हुए| इस काम में दो और गांव, जोरपुर और दुर्गापुर की औरतों ने भी मिलकर रोड बनाने में काफी मदद करी|
औरतों के इस wonderful work को देखते हुए बांका जिला मजिस्ट्रेट कुंदन कुमार ने उनकी इस कोशिश की खूब तारीफ़ की|
डीएम ने बताया कि private land के बिना, रोड संभव नहीं थी और ऊमि मालिक अपनी जमीन सरकार को देने के लिए नहीं मान रहे थे|
उन्होंने कहा कि वो बोन्सी Block Development Officer अमर कुमार मिश्रा को इस नई road को पक्का करने के आदेश देंगे|
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