Food waste को बचाने वाले NGO को officials ने दान किए vehicles
हममें से ज्यादातर लोग अपने खाने के लिए अलग-अलग तरह के खाने की variety की तलाश करते हैं और वहीं ग़रीब लोगों को रोज़ का खाना नसीब नहीं होता है| कई ऐसे लोग भी हैं जो सोचते हैं कि वो आज अपने बच्चों को क्या खिलाएँगे और फिर उनके पास कचरा और कचरे के डब्बों के बीच घुलने वाले खाने से भरे हुए कूड़े के ढेर होते हैं| बच्चे उन कचड़ों के डब्बों में अपनी भूख मिटाने के लिए खाना तलाशते हैं|
Food safety officials के साथ मिलकर Tamil Nadu food safety commissioner P Amudha ने एक पहल की है| उन्होनें अपने 2 vehicles “No Food Waste” नामक NGO को दान कर दिए हैं, जो कि चेन्नई में food waste management में अपना योगदान दे रहे हैं|
‘No Food Waste’ एक ऐसा organization है जो कि 3 youngsters द्वारा Coimbatore में शुरू किया गया है और जिसका मकसद चेन्नई के साथ देश में बर्बाद हो रहे खाने को बचाना है| ये लोग शादियों, पार्टियों और functions से बचा हुआ खाना collect कर के ज़रूरतमंदों तक पहुँचाने का काम करते हैं| अभी तक ये लोग 148 ton खाना बचा चुके हैं, जिससे रोज़ लगभग 700 लोगों को खाना मिलता है| शहर के अलग-अलग जगहों से खाना collect कर के उसे झुग्गी, अस्पतालों और जरूरतमंदों में बाँटने के लिए उन्हें vehicle दान किए गये हैं|
तमिलनाडु राज्य ने recreation of food wastes में भी कई कदम उठाए हैं। State Health Minister C Vijaya Baskar ने एक मोबाइल फूड लैबोरेटरी लॉन्च की जो एक ही कॉल में कई इलाकों में जा सकती है और खाने की quality और उसके adulteration की जांच कर सकती है| इसके अलावा, food safety department ने चेन्नई के कॉरपोरेशन स्कूलों में safe food practices में 50 शिक्षकों को प्रशिक्षित करने और घर में मिलावट की जांच करने के लिए सरल तरीके सिखाने का फ़ैसला लिया है|
2016 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में लगभग 67 million tons, Food waste हर साल होता है, जिसका मूल्य लगभग 9 2,000 करोड़ रुपये है। जो कि पूरे बिहार को एक साल तक खाना-खिलाने के लिए काफ़ी है| और इस figure को जानने के बाद हमें थोड़ा सा भी खाना बर्बाद करने से पहले सोचना ज़रूर चाहिए| हो सकता है बहुत से लोगों के लिए ये सिर्फ़ ‘थोड़ा सा खाना’ हो पर कई लोगों के लिए ये उनकी ‘ज़िंदगी’ है|