Ajay Lohan अपनी सैलरी से संवार रहे हैं गाँव के बच्चों की ज़िंदगी

नारनौंद के रहने वाले 31 साल के Ajay Lohan ने शिक्षा के क्षेत्र में लोहा मनवाने का काम किया है| गाँव से होने के बावजूद Ajay ने इंग्लीश सब्जेक्ट को लेकर बच्चों पर ऐसी मेहनत करी कि आज उनकी प्रतिभा के पूरे इलाक़े में चर्चे हैं| हरियाणा के नारनौंद जिले के गवर्नमेंट सीनियर सेकंडरी स्कूल में अंग्रेजी के टीचर Ajay Lohan को हाल ही में ह्यूमन गौरव अवार्ड से भी सम्मानित किया गया है। साल 2006-7 में उन्होनें इस स्कूल में इंग्लीश टीचर के तौर पर ज्वॉइन किया। तब से लेकर आज तक वो हर साल 10 लड़कियों की पढ़ाई-लिखाई का जिम्मा उठाते हैं और सारा खर्चा देते आ रहे हैं।

Ajay Lohan
Photo : patrika.com

Ajay Lohan को उनके प्रयासों के लिए हरियाणा गौरव अवार्ड, बेस्ट स्टेट मोटिवेशन अवार्ड, बेस्ट टीचर अवार्ड, प्राणनाथ प्रणामी अवार्ड, हरियाणा संस्कृति संरक्षक अवार्ड, बेस्ट पार्लियामेंट आर्गेनाईजेशन अवार्ड व कक्षा तत्परता कार्यक्रम के तहत उत्कृष्ठ सेवाओं के लिए गोल्ड मेडल भी मिल चुका है। वो 7 बार बेस्ट टीचर अवार्ड जीत चुके हैं। साथ ही उन्हें ह्यूमन राइट्स राष्ट्रीय गौरव अवार्ड 2018 भी मिला है। अजय लोहान जिस स्कूल में पढ़ाते हैं उनके पिता भी उसी स्कूल में टीचर रह चुके हैं।

Ajay Lohan
Photo : amarujala.com

Ajay के पिता स्वर्गीय रामनिवास लोहान इसी स्कूल में पोलिटिकल साइन्स के टीचर रह चुके हैं। उनका कहना है कि पिता से मिली प्रेरणाओं के चलते ही वो टीचर बने। Ajay Lohan ने बताया कि गरीबी के कारण उनके पिता पेड़ों की पत्तियों की गठड़ियां बनाकर उनको जलाकर उनकी रोशनी में पढ़ते थे। इतनी गरीबी के बावजूद उन्होंने एमफिल किया| इसके बाद वो स्कूल में हेडमास्टर बने। उनसे प्रेरणा पाकर ही अजय, मदद के लिए हमेशा आगे रहते हैं और उन्हीं की राह पर चलकर वो आगे बढ़ रहे हैं|

Ajay Lohan
Photo : patrika.com

Ajay Lohan के प्रयासों का लोहा प्रसिद्ध कंप्यूटर व सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस ने भी माना है। Ajay बच्चों को कंपनी के हेड ऑफिस लेकर गए थे, उस दौरान बच्चों की प्रतिभा से प्रभावित होकर इंफोसिस ने बच्चों के लिए 10 कंप्यूटर भी देने का फैसला लिया, जिससे आज बच्चे तकनिकी शिक्षा का लाभ ले रहे है।

Ajay Lohan
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Ajay Lohan पिछले 10 सालों से कुर्सी पर नहीं बैठे हैं| क्लास में हमेशा खड़े होकर पढ़ाने वाले अजय ने अपने लक्ष्य के बारे में बताते हुए कहा कि वो शिक्षा के दम पर नॅशनल लेवेल पर अपना और अपने गाँव का नाम रोशन करना चाहते हैं| गाँव के बच्चों को अच्छे लेवल पर पहुँचाना ही उनका लक्ष्य है|

Ajay Lohan
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कई सालों से लड़कियों को पढ़ाकर वो बालिका शिक्षा मुहीम को बड़ावा भी दे रहे हैं| साथ ही ग़रीब लड़कियाँ शिक्षा से वंचित ना हों, इसके लिए वो हर साल 10 लड़कियों को अपने खर्च से पढ़ाते हैं|

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Geeta Rana

I am a Content Writer by Hobby, A Blogger by profession, as well as Owner of Nekinindia.com.

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