भारत का पहला Sainik School जहाँ लड़कियाँ भी पढ़ेंगी
बदलाव एक बड़ी ही अनोखी चीज है, बड़ा ही अनोखा शब्द है। किसी चीज की शुरूआत करने में वक्त लगता है उस चीज को उसके सर्वोच्च स्वरूप में पहुंचाने में भी वक्त लगता है।
फिर यदि उस चीज में कोई बदलाव करना पड़े तो उस बदलाव में भी वक्त लगता है। इस सबका एक छोटा सा उदाहरण हो सकता है हमारी आदत। कोई भी आदत बनाने में वक्त लगता है फिर हम धीरे-धीरे आदत के आदी हो जाते हैं और एक वक्त के बाद यदि हमें किसी कारण की वजह से उस आदत को बदलने की जरूरत महसूस हो तो, उस बदलाव में भी वक्त लगता है।
अब आप सोचेंगे कि यह बदलाव के ऊपर इतना ज्यादा ज़ोर क्यों किया जा रहा है, तो वह इसलिए क्योंकि आज की जो कहानी है वह ऐसे ही एक बहुत ही खूबसूरत बदलाव की कहानी है। मिज़ोरम के Chhingchhip में स्थित Sainik School ने पहली बार, और यहाँ पहली बार कहने का मतलब यह है कि सैनिक स्कूल के पूरे इतिहास में पहली बार लड़कियों को एडमिशन दिया है। Sainik School का इतिहास हमेशा से यही रहा है कि वह लड़कियों को एडमिशन नहीं देते थे। Sainik School सिर्फ लड़कों के लिए हुआ करता था। वहां सिर्फ लड़के ही पढ़ाई कर सकते थे।
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पर मिजोरम के इस Sainik School ने पहली बार यह बड़ा कदम उठाया है जहां पर कक्षा 6 में एडमिशन लेने वाले 60 बच्चों में से 54 बच्चे लड़के हैं और उनके साथ 6 लड़कियों को भी एडमिशन दिया गया है। Sainik School बारे में आपको एक और बात बता दें कि यह Sainik School जो है वह हमारे पूर्व रक्षा मंत्री वीके मेनन द्वारा पहली बार 1961 में सतारा, महाराष्ट्र में खोला गया था उसके बाद देशभर में 26 और सैनिक स्कूल खुले और उन सैनिक स्कूलों में सब का यही इतिहास रहा था कि कहीं भी महिलाओं को, लड़कियों को एडमिशन नहीं दिया जाता था।
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लेकिन मिज़ोरम के Chhingchhip Sainik School ने पहली बार यह बदलाव किया है। इस बदलाव का हम स्वागत करते हैं और इससे बहुत खुश है क्योंकि एक बात तो आज पूरी दुनिया मानती है जो नहीं मान रहे हैं वह आने वाले वक्त के साथ मान जाएंगे कि महिलाएं अब सच में किसी भी तरह से कम नहीं है। वह जो चाहे कर सकती हैं जिस क्षेत्र में चाहे अपना नाम बना सकती हैं अपना करियर बना सकती हैं तो सेना में क्यों नहीं और वैसे भी हमारे सेना में अब कई सारी महिलाएं हैं जो अपनी सेवाएं दे रही है। ऐसे में अगर इनकी तैयारियों की शुरुआत छोटी उम्र से ही होगी तो और भी ज्यादा बेहतर होगा।
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