Jalandhar Nayak अपने बच्चों के लिए बना Dashrath Manjhi
एक दूरदराज़ के पूर्वी भारतीय गाँव के एक आदमी ने अकेले अपने हाथों से पहाड़ों के बीच 8km की road बना कर अपने बच्चों को उनके स्कूल तक पहुँचने में मदद की है|
Jalandhar Nayak के 3 बेटे हैं, जिन्हें कि 3 घंटे पहाड़ियों के रास्ते स्कूल पहुँचने में 3 घंटे लगते थे| इसलिए 2 साल पहले Odisha के इस vegetable seller ने अपने हाथों में एक छेनी, कुदाल और फावड़ा पकड़ कर एक छोटा रास्ता बनाना शुरू कर दिया|
जब उन्हें लोकल मीडिया बुलेटिन में दिखाया गया, तब government officials को उनका यह प्रयास पता चला| उन्होनें बताया कि उनके बच्चों को पतले पथरीले पहाड़ियों में चाड़ने में परेशानी होती थी| वह अक्सर अपने बच्चों को चट्टानों से ठोकर खाते हुए जाते देखते थे, इसलिए उन्होनें पहाड़ियों को काटकर उनके लिए रास्ता बनाने की बात सोची ताकि बच्चे आसानी से स्कूल पहुँच सकें|
Brundha D, जो कि वहाँ के local administrator हैं ने कहा कि Jalandhar Nayak के प्रयास और पहाड़ियों को एक सड़क बनाने के लिए दृढ़ संकल्प ने उन्हें spellbound कर दिया| उन्होनें कहा कि Press Trust of India के मुताबिक 45 साल के Nayak को Gumsahi गाँव से Phulbani के स्कूल के बीच रास्ता बनाने में जितना समय लगा है, उसका भुगतान उन्हें दिया जाएगा|
केवल यही परिवार है जो Gumsahi में बचा है, बाकी लोग बेहतर सड़कों और सुविधाओं के लिए गाँव छोड़ कर जा चुके हैं|
Nayak ने रोड को पूरा करने के लिए बाकी बची 7km की रोड के लिए अभी और 3 साल का समय प्लान किया था, लेकिन अब यह काम local government ने अपने हाथ ले लिया है| Nayak ने कहा कि district collector ने उन्हें उनके गाँव तक रोड का construction पूरा करने का आश्वासन दिया है|
Jalandhar Nayak का चट्टानों को काटकर, रोड बनाने का संघर्ष national TV पर भी दिखाया गया है| उनकी कहानी बिहार के Dashrath Manjhi के साथ तुलना की जा रही है, जिन्होनें 22 साल लगाकर एक पहाड़ी को काटकर 2 ज़िलों के बीच 42km की दूरी कम करी थी|
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