Chandrakant Singh का यह boarding school है ख़ास
क्या बिहार के दूरदराज के एक कोने में स्थित एक स्कूल में high class education और innovative methods को देखना आश्चर्यजनक नहीं है? यह वास्तव में है! Chaitanya Gurukul Public School को 2009 में एक पूर्व IITian, Chandrakant Singh द्वारा शुरू किया गया था|
लगभग 450 बच्चों, लड़कों और लड़कियों दोनों को Skype, video conferencing और Internet के माध्यम से physics, chemistry, mathematics और computer में चंद्रकांत सिंह और उनके 8 दोस्त दुनिया के अलग-अलग स्थानों में बैठ ज्ञान दे रहे हैं| वह 1st से 7th क्लास तक के बच्चों को पढ़ाते हैं| इसके अलावा, 16 टीचर हैं जो campus में रहते हैं और पढ़ाई में स्टूडेंट्स की मदद करते हैं| स्टूडेंट्स की attendances एक biometric finger printer से marked होती है|
स्कूल में बिजली नहीं है| कंप्यूटर्स स्कूल के के खुद के जेनरेटर्स पर चलते हैं| NTPC में technocrat Pankaj Kumar सिंगरौली से Physics पढ़ाते हैं| Sanjay Rai जो कि BITS, Pilani के छात्र रह चुके हैं और HAL के साथ काम कर रहे हैं, Korwa,UP से Chemistry पढ़ाते हैं, जबकि M Vats, जो कि US में टेक्नोक्रेट हैं Maths पढ़ाते हैं|
Singh ने उस वक़्त अपने hometown के लिए कुछ करने का सोचा, जब बिहारी migrants पर Maharashtra Navnirman Sena द्वारा मुंबई में हमले किए गये| इसके बाद उन्होंने आईआईटी बॉम्बे के डीन Surya Narayan से सलाह ली, जो कि उनके टीचर भी थे| Narayan के सुझाव के अनुसार, Singh ने एक revenue-generating, self-sustaining model का blueprint तैयार किया और इसे 3000 दोस्तों को e-mail कर दिया, जिनमें से 8 लोगों ने इसे fund देने के लिए हाँ कर दिया|
State government से मंजूरी मिलने के बाद वे ग्रामीणों से मिले और उन्हें स्कूल के बारे में आश्वस्त किया| तीन महीने के अंदर ही स्कूल के लिए 13 एकड़ ज़मीन उनके पास थी| पूरी तरह free education देने के बाद भी पहले ही साल में Chandrakant ने इस organization को self-sustainable और revenue-surplus बना दिया है| पहले ही साल में उनके 11 स्टूडेंट्स ने National Science Olympiad और the International Math Olympiad के Level-2 के लिए क्वालिफाइ किया|
Chandrakant Singh बिहार के इस दूरदराज के गांव के गरीब तबके के बच्चों को गुणवत्ता और विश्वस्तरीय शिक्षा प्रदान करने के अपने सपने को पूरा कर रहे हैं| यह Chaitanya Gurukul Public School के बच्चों के लिए किसी सपने से कम नहीं है कि video conferencing के ज़रिए उनके टीचर उन्हें दुनिया के अलग-अलग कोनों से पढ़ा रहे हैं| बिहार के उस दूरदराज के कोने में, जहां अभी तक बिजली के खंभे नहीं हैं, Chandrakant Singh ने world class educational institute बनवा कर ये साबित कर दिया कि सब कुछ संभव है बस इंसान के अंदर लगन होनी चाहिए|