दुनिया का सबसे Youngest Head Master , जिसने 9 साल की उम्र में शुरू किया एक स्कूल
हमने बहुत से लोगों को छोटी उम्र में cricketer, tennis player, Olympic Gold medalist बनते तो देखा ही है| लेकिन बहुत छोटी उम्र में School Head Master बनना अपने आप में एक बड़ी सफलता है| 16 साल की उम्र में अकेले स्कूल चलाने के लिए BBC ने इन्हें Youngest Head Master of the world बताया है|
Babar Ali, West Bengal के मुर्शिदाबाद के गंगपुर गाँव के रहने वाले हैं| उन्होनें teacher के तौर पर अपना career 9 साल की उम्र में पड़ोस के बच्चों को अपने स्कूल के बाद घर के पिछले आँगन में पढ़ाकर शुरू किया था| आज 23 साल की उम्र में वह 800 बच्चों का स्कूल चला रहे हैं|
18th March 1993 को Babar का जन्म गंगपुर में हुआ| चार भाई-बहनों में सबसे बड़े बाबर की पढ़ाई 4th क्लास तक गाँव से 2km दूर Bhabta Rasidiya Primary School में हुई| उसके बाद उन्हें घर से 10km दूर Beldanga के एक हाइ स्कूल में डाल दिया गया| HighSchool ही उनकी life का turning point साबित हुआ| हर शाम bus stand से घर तक पैदल आते वक़्त Babar बच्चों को जानवरों को चराते हुए देखता| और फिर एक दिन उसने उन बच्चों को अपने साथ पढ़ने के लिए अपने घर बुलाया| बच्चों ने भी हाँ कर दी और पढ़ने-पढ़ाने का यह खेल आज जाना-माना स्कूल बन चुका है|
Babar ने यह स्कूल 19th अक्टोबर 2002 में शुरू किया| बेटे का dedication देखकर उनके पिता जी ने उन्हें कॉपी-किताब खरीदने के लिए 600रु दिए|
उनका स्कूल लोगों में सुर्खियाँ बटोरने लगा| उनके पिता के एक बहुत करीबी दोस्त Sanath Kar, जो कि पास के ही एक college में प्रोफेसर थे, उनका काम देखकर बड़े खुश हुए और काफ़ी books Babar के स्कूल को donate करी| साथ ही उन्होनें उनके स्कूल को आनंदा शिक्षा निकेतन (Happy Learning Home) नाम भी दिया| धीरे-धीरे लोगों में लोकप्रिय होते हुए 13 सालों में आज स्कूल में 800 बच्चे पढ़ते हैं और स्कूल West Bengal Board of Secondary Education (since 2012) की मान्यता प्राप्त कर चुका है| स्कूल के पुराने बच्चे भी Babar का साथ देने के लिए टीचिंग देते हैं जबकि वह खुद अब teacher से headmaster बन चुके हैं|
Babar भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में नाम कमाना चाहते हैं| वह 5lakh रुपये सालाना स्कूल में लगाते हैं| स्कूल में 8 teachers हैं| स्कूल का administration 7 committee members देखते हैं, जिसमें retired teachers देखते हैं|
स्कूल हेडमास्टर होते हुए भी बाबर ने अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी| English Honors में graduation पूरी कर अब वह distant learning द्वारा Kalyani University से Masters in Arts कर रहे हैं| साथ ही उन्हें IAS Officer बनते देखने का अपने पापा का सपना भी पूरा करने में जुटे हैं|