“नेकी की दीवार” ग़रीबों के लिए किसी Santa Clause से कम नहीं
नेकी कर दरिया में डाल तो हम सबने सुना है लेकिन नेकी कर दीवार में टाँग अपने आप में एक बहुत ही नेक और सुंदर पहल है|“नेकी की दीवार” मानवता का एक ऐसा अभियान है जहाँ लोग ज़रूरतमंद लोगों की सहायता इन नेकी की दीवारों पर कपड़े और ज़रूरतों का समान टाँग कर करते हैं|
इसकी पहल वैसे तो ईरान में कुछ समय पहले ही हो चुकी है, पर अब मानवता की ये लहर भारत के कोने-कोने में अपना रंग बिखेर रही है|
इन दीवारों पर लोग अपने पुराने पहनने, बिछाने, ओढ़ने के कपड़े, किताबें, खिलोने, बर्तन आदि समान ज़रूरतमंद लोगों के लिए छोड़ जाते हैं ताकि वह चीज़ बर्बाद भी ना हो और ज़रूरतमंदों के काम भी आ जाए|
नेकी की यह दीवार उन लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है जो लोग ग़रीबी रेखा से नीचे जीवन व्यतीत कर रहे हैं लेकिन अपने स्वाभिमान के कारण भीख नहीं माँगते| यह ज़रूरतमंद लोग यहाँ आकर अपनी ज़रूरत का समान ले जाते हैं|
धन्य हैं ऐसे लोग आज भी मानवता को बनाए हुए हैं क्योंकि किसी ने सच ही कहा है,..मानवता की सेवा करने वाले हाथ उतने ही धन्य होते हैं, जितने परमात्मा की प्राथना करने वाले होंठ।
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