Nukkad Natak के ज़रिए इस शख़्स ने बनाई ख़ास पहचान
थियेटर से जुड़े और वाराणसी में रहने वाले Vipul Singh आज दूर दराज के इलाकों में अपनी कला (Nukkad Natak) के जरिये लोगों की समस्याओं को सुलझाने और उनको जागरूक करने का काम कर रहे हैं। ख़ास बात ये है कि वो ये काम बिना किसी की मदद के अकेले ही करते हैं|
Vipul, अपने नुक्कड़ नाटक (Nukkad Natak) के लिए जाने जाते हैं और जगह-जगह जाकर लोगों को कई मुद्दों पर जागरूक भी करते हैं| जेब में महज 200-300 रुपये लेकर भी वो अपने अभियान के लिए चल देते हैं और नाटक के ज़रिए लोगों से मिलते हैं| विपुल ‘घुमंतू’ कलाकार (Ghumantu Kalakaar) के नाम से पहचाने जाते हैं| उन्होने देश का सबसे बड़ा TEDx Talks दिया था|
Vipul Singh को बचपन से ही घूमना पसंद था। माता-पिता के कहने पर उन्होने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की, लेकिन उनका मन घुमक्कड़ी और सामाजिक कामों में ज्यादा लगता था। इसलिए इंजीनियरिंग की पढ़ाई बीच में छोड़कर वो एक बार फिर घुमने फिरने के लिये निकल गये। अपने इस शौक के साथ उन्होनें सामाजिक मुद्दों (social issues) को कला के जरिये उभारने का काम किया। इस तरह विपुल पिछले 8 सालों से नुक्कड़ नाटक (Nukkad Natak) के जरिये लोगों की समस्याओं को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं साथ ही सामाजिक मुद्दों (social issues) को लेकर स्थानीय लोगों को जागरूक करने की भी कोशिश कर रहे हैं।
वो अभी कई प्रदेश के अलग-अलग जिलों की यात्रा कर रहे हैं और वहां जाकर लोगों से बात कर रहे हैं| एक महीने के इस अभियान में वे कई शहरों और गांवों के हजारों लोगों से मिलेंगे और नुक्कड़ नाटक (Nukkad Natak) भी कर रहे हैं| इस अभियान को लेकर Vipul ने सूत्रों को बताया कि गांवों में लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और स्कूलों से लेकर अस्पतालों की हालत बहुत खराब है| वे उन गांवों में जा रहे हैं, जहाँ नेता भी नहीं पहुंचते हैं|
Vipul का दावा है कि वो देश के करीब 23 राज्यों में अपने नुक्कड़ नाटक (Nukkad Natak) कर चुके हैं। पिछले सात सालों के दौरान विपुल 700 से ज्यादा नाटक कर चुके हैं और इनमें से ज्यादातर नाटक उन्होनें खुद ही लिखे हैं। वो लगातार अपने फेसबुक पेज पर भी लोगों की दिक्कतें शेयर करते रहते हैं|
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