पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के लिए, Mayur बैलगाड़ी से पहुँचा दुल्हन लेने
पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के लिए मध्यप्रदेश के धार जिले में दूल्हा Mayur Bhayal अपनी दुल्हन को लाने के लिए बैलगाड़ी से पहुंचा। दूल्हे ने ऐसे लोगों को भी संदेश देने की कोशिश की है जो अपना स्टेटस दिखाने के लिए पुरानी परम्पराओं को भूलकर दिखावा करना पसंद करते हैं|
सबसे ख़ास बात ये है कि जो दूल्हा अपनी दुल्हन को लाने के लिए 10 बैलगाड़ियों से पहुंचा था, उसके घर में ही एक मंहगी एसयूवी है। हैलीकाप्टर व मंहगी लग्जरी कारों से निकलने वाली बारातों के इस दौर में बैलगाड़ी से निकली बारात पूरे इलाक़े में चर्चा का विषय बनी हुई है| दूल्हे द्वारा जनजागृति के लिए दिया गया ये संदेश इस समय काफी चर्चा का विषय बना हुआ है।
धार जिले के कोणदा गाँव के सिर्वी समाज के युवा Mayur Bhayal अपनी जीवन संगिनी पिंकी से शादी रचाने के लिए 10 बैलगाड़ियों में बारात लेकर पास के गाँव दोगांवा पहुंचे। बैलगाड़ियों से बाराती और दूल्हा रवाना हुए। ये बारात किसान मोर्चा के जिला मंत्री जगदीश भायल के बेटे Mayur की थी, जो गोपाल परिहार के घर दुल्हन पिंकी को ब्याहने पहुंची। 10 बैलगाड़ियों के साथ भगवा पताका लेकर शामिल हुए बारातियों ने गोवंश और पर्यावरण बचाने का संदेश भी दिया। म्यूज़िक टीचर, दूल्हे Mayur Bhayal ने बताया कि वो गाय को माता के समान पूजते हैं और उनकी संतान बैल भी उनके खेतों में कृषि कार्य में काम आते हैं|
पहले के समय में बैलगाड़ियों से बारात जाया करती थी। बैलगाड़ियों से निकलने वाली बारातों का अनुशरण दूल्हे Mayur ने भी किया। उन्होनें पुरानी परम्परा को जीवंत करने का एक बहुत बड़ा कदम उठाया। दूल्हे Mayur ने बताया कि उन्होनें गाँव के बुजुर्गों को हमेशा बात करते सुना है कि पहले बैलगाड़ियों से बारात जाती थी। आजकल हजारों रुपये सिर्फ़ इसी काम पर खर्च कर दिए जाते हैं। इससे प्रेरित होकर उन्होनें भी विचार किया कि फिजूल खर्च को इस तरह भी रोका जा सकता है, जबकि उनके पास एसयूवी है। Mayur ने बताया कि कुछ महीनों पहले उन्होनें सोशल मीडिया पर महेश्वर की न्यूज़ पढ़ी थी|
उसमें बैलगाड़ी से 5km तक बारात निकालकर संदेश दिया गया था। उन्होनें बताया कि उनके गाँव में लगभग 40 साल पहले समाज की कोई बरात बैलगाड़ी से निकली थी। वहीं उनके पिता जगदीश पायल का मानना है कि जिस तरह से आज के इस चकाचौंध की दुनिया में लोक फिजूलखर्ची कर चकाचौंध भरी बारात लेकर जाते हैं, लाखों करोड़ों रुपए खर्च करते हैं इस फिजूलखर्ची से बचने के लिए उन्होंने अपने बेटे Mayur की बारात बैलगाड़ी पर निकाली है| बैलगाड़ी से बारात ले जाने के दौरान बारातियों ने भी पूरा आनंद उठाया|
बारात में एक और खास बात थी कि उसमें बेवजह के कानफोड़ू ढोल-ढमाके और डीजे जैसे तीव्र ध्वनि के साउंड सिस्टम से दूरी रखी गयी थी| पूरी बारात में पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए शोरगुल नहीं था। केवल एक ढोल और बैंड रखा गया था। लोग उत्साह से नाचते-गाते चल रहे थे। इस तरह से समाज में एक नया संदेश देने के लिए निकली बारात का सभी ने लुफ्त उठाया|
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