Ramesh Kumar Vij ने रिटाइर्ड लोगों के लिए की HUM की शुरूवात
पिछले साल अपने 76 वें जन्मदिन पर Ramesh Kumar Vij ने अन्य वरिष्ठ नागरिकों को एक अनोखा उपहार देने का फैसला किया।Kritarth Malhotra, के साथ मिलकर उन्होंने HUM Communities की शुरुआत की, जो एक online community-based job platform है, जो कि बुजुर्ग लोगों के लिए रोजगार के अवसर तलाशने और बनाने के लिए समर्पित है।
“एक इलेक्ट्रिकल इंजिनियर के तौर पर उन्होनें कई सरकारी विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में काम किया था, लेकिन सन् 2000 में रिटाइर्ड होने के बाद उन्हें काफ़ी खाली टाइम मिलने लगा और उनके मन में negative thoughts आने लगे|
Vij को लगा कि उनके जैसे कई वरिष्ठ लोग हैं जो शारीरिक रूप से फिट हैं और अगले 10 सालों तक अच्छा काम पा सकते हैं,लेकिन रिटाइयर्मेंट के बाद उनके पास करने को कुछ नहीं है|
अपने लॉंच के एक साल बाद से सोशियल एंटरप्राइज़ ने अन्य शहरों तक अपनी पहुंच बढ़ा दी है। अब दिल्ली में 3 HUM चॅप्टर्स हैं, जबकि चेन्नई में एक और बेंगलुरु में एक है| Malhotra कहते हैं कि लोग उनकी समुदाय हेल्पलाइन से संपर्क कर सकते हैं और वो उनकी प्रोफ़ाइल और रेज़्यूमे को अपनी डेटाबेस से जोड़ते हैं| वो उन लोगों का परिचय HUM ambassadors से भी करवाते हैं, जो कि उनलोगों को local WhatsApp group से जोड़ते हैं|
चेन्नई में 56 साल के A Srinivasamoorthi अंबासडर हैं। एलआईसी के साथ 23 साल काम करने के बाद, वो 2012 में रिटाइर्ड हुए| उसके बाद वो एक non-banking financial sector में सीनियर मैनेजर के रूप में काम करने लगे, लेकिन वहाँ वो अपनी सॅलरी से खुश नहीं थे और जब वह opportunities की तलाश में थे तो उन्हें HUM के बारे में पता चला| अब उनके ग्रूप में लगभग 15 लोग हैं, जिन्होंने various fields में टॉप पोज़िशन्स पर काम किया है।
Vij कहते हैं अप्रोच्ड हुए 100 employers में से 25 से ज़्यादा ने अब तक अपनी requirements को share किया है| वो लोग wealth advisors, writers, trainers, assessors, auditors, accountants और recruiters की तलाश में हैं।
Malhotra कहते हैं कि clients को स्टाफिंग के वक़्त रोल देते समय कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और इसलिए उन्हें certain roles के लिए stable लोगों की ज़रूरत होती है। उदाहरण के लिए financial year के end में ऑडिट फर्मों में उन्हें ज़्यादा लोगों की जरूरत होती है|
सफलता की कहानियाँ भी हैं| 67 साल के महबिर गुलिया, बैंकर के रूप में 38 साल बाद 2011 में रिटाइर्ड हुए। फिर उन्होनें एक और फर्म में काम करने और दूसरे वरिष्ठों के साथ अपना खुद का बिज़्नेस चलाने की कोशिश की लेकिन कुछ काम नहीं बना| उन्हें लगा कि उनकी skills बर्बाद हो रही हैं|
हाल ही में, HUM ने उन्हें बजाज कैपिटल लिमिटेड के साथ मास्टर कन्सल्टेंट के रूप में नौकरी देने में मदद की और अब वह खुश हैं। यह उन्हें कुछ flexibility भी देता है क्योंकि उन्हें हर समय ऑफीस में नहीं रहना पड़ता है और वो कहते हैं कि 60 साल में रिटाइर्ड होने की कोई उम्र नहीं है क्योंकि उनमें से कई लोग मानसिक और शारीरिक रूप से फिट हैं।
HUM एक दूसरी पहल की शुरूआत करने की भी योजना बना रहा है। Vij का कहना है कि अगले 2 महीने में वो कम्यूनिटी बिल्डिंग पर भी ध्यान देने के साथ ही सीनियर्स को छुट्टियों और तीर्थयात्रा पर ले जाने और योगा और प्राणायामा क्लासस शुरू करने तथा फ़ार्मा कंपनीज़ के साथ tie up करने का भी सोच रहे हैं, ताकि वरिष्ठ लोगों के दरवाजे तक कम कीमत पर दवाइयाँ पहुँचाई जा सकें|