Vimala Kadam के बड़े कदम ने बनाया उन्हें best leader 2018

अगस्त 2016 में Vimala Kadam ने एक मन को दुखाने वाली चीज़ देखी| बुजुर्गों, आदमियों और औरतों की एक लाइन Umarani गाँव के पास Mudhol-Nippani state highwayपर रास्ता पर करने के लिए एक तरफ खड़े हैं, जो कि शौच करने के लिए मैदानों में जा रहे थे| बिना कुछ सोचे बिना तुरंत ही उन्होनें कुछ गाँव वालों और पंचायत डेवेलपमेंट ऑफीसर से मिलकर घरों में शौचालय बनाने के लिए अभियान शुरू कर दिया|

Vimala Kadam
Photo : wikipedia.org

Vimala Kadam, जिन्होनें कि उमरनी गाँव को open-defecation free (ODF) बनाने की कसम खाई थी, अब अपने लक्ष्य से सिर्फ़ 100 toilets पीछे हैं| चिक्कोडी तालुक के 4500 की आबादी वाले इस गांव में अब 800 शौचालय हैं और B.A सेकेंड यियर की Kadam इस गाँव की चैंपियन हैं|

पहले 2016 में चिक्कोडी से 5km दूर इस गाँव में 20% से भी कम घरों में toilets थे| ग्राम पंचायत शौचालय बनाने के लिए स्वच्छ भारत मिशन के तहत धन उपलब्ध कराने के लिए तैयार था, लेकिन गाँव वाले तैयार नहीं थे| उनमें से ज़्यादातर लोग, घरों में जहाँ अपने देव-देवताओं को पूजते हैं, toilets बनाने को बुरा मानते थे| वो लोग गाँव के बाहरी इलाक़ों के मैदानों में जाना पसंद करते थे|

Vimala Kadam
Photo : smithsonianmag.com

28 साल की Vimala Kadam को उनकी शादी से पहले पढ़ाई छोड़ने के लिए मजबूर किया गया| लेकिन जल्द ही उन्होनें अपनी ग्रॅजुयेशन की पढ़ाई के लिए Chikkodi के AAPatil Women’s Degree College में अड्मिशन ले लिया| जैसे ही उन्होनें उमरनी में toilets बनाने का फ़ैसला किया, उन्होनें अपने 25 classmates को इकट्ठा किया और अपने lecturers विशाखा चिटारे और जयश्री नगरलाले से भी बात की| लीड-फाउंडेशन की मदद और मार्गदर्शन के साथ उन्होनें गांव में काम करना शुरू कर दिया|

Vimala Kadam
Photo : safetykart.com

परिवारों का डाटा इकट्ठा करने के बाद Kadam ने 10-15 बार जाकर लोगों को अपने-अपने घरों में toilets बनाने के लिए मनाया| कई बार लोगों के पास जाने की वजह से कई लोग आगे आए| Kadam ने परिवारों से identity documents इकट्ठा किए और toilets बनाने के लिए funds की माँग के लिए उनके द्वारा ही पंचायत कार्यालय में apply किया| जैसे ही उन परिवार वालों को 12500रु से 15000रु मिल गये तो बाकी के गाँव वालों ने भी इसका हिस्सा बनने का मान बना लिया| हाल ही में हुब्बल्ली में हुए 8वें युवा सम्मेलन में उनके काम के लिए, Kadam को ‘best leader 2018’ अवॉर्ड दिया गया|

Vimala Kadam
Photo : leadcampus.org

Vimala Kadam ने बताया कि गाँव वालों को समझाना मुश्किल था| वो कॉलेज के बाद गाँव जाकर लोगों को समझाती थी, क्यूंकी toilets के बिना जो लोगों को तकलीफें झेलनी पड़ती थी उससे वो परेशन थी| उन्होनें कहा कि इसका सीधा संबंध रेप जैसी घटनाओं में बढ़ोतरी, साँप के काटे जाने और वातावरण को गंदा करने से भी था| उन्होनें कहा कि तालुक पंचायत ऑफीसर भी 6 और गाँवों में जागरूकता पैदा करवाने के लिए, उनकी मदद माँगने आए थे| उन्होनें कहा कि उनके exams ख़तम होते ही वो दूसरे गाँवों में भी काम करना शुरू कर देंगी|

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Geeta Rana

I am a Content Writer by Hobby, A Blogger by profession, as well as Owner of Nekinindia.com.

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