ख़ुद कभी सड़कों पर रहा Satender आज है कई बेघरों का सहारा
जब Satender Sharma 13 साल का था, उसके सामने ज़िंदगी जीने के दो रास्ते आए| अपने मार-पीट करने वाले पिता के साथ रहना या वहाँ से भागकर, रास्ते पर ज़िंदगी जीना सीखना| उसने वहाँ से भाग जाने में अपनी भलाई समझी और 50,000 बेघर दिल्ली के बच्चों के साथ उसका भी नाम जुड़ गया, जो कि रोज़ाना sex trafficking, drugs, और child labor जैसे ख़तरों का सामना करते हैं|
Satender, जो कि अब एक adult है, ने अपनी इस दुख-भरी कहानी को खुद के उपर बनी documentary series ‘Operation Change’ में बताया है| कैमरों के साथ कुछ activists, सलाम बालक ट्रस्ट के साथ काम करने के लिए भारत आए, जो कि एक NGO है और दिल्ली और मुंबई के सड़क के बच्चों को shelter, education और healthcare देता है|
Satender ने बताया कि उसका पिता बिना किसी ग़लती के उसके पूरे परिवार के साथ मार-पिटाई करता था और एक दिन उसने Satender की माँ का सिर दीवार पर पटक कर उन्हें मार डाला|
Satender ने बताया कि एक दिन स्कूल ना जाने की वजह से उसके पिता ने उसे पूरे दिन बहुत मारा| उसने सोचा सड़क पर रहना, घर पर रहने से कहीं ज़्यादा safe है| उसने सोचा कि सड़क पर चलने से पुलिस वाले उसे दिन में एक या दो बार मारेंगे| लेकिन उसके पिता की तरह उसे हर रोज़ तो मार नहीं खानी पड़ेगी|
उसने भागने का plan बनाया और दिल्ली आने वाली ट्रेन में बैठ गया| Satender ने बताया कि उसके पास टिकेट खरीदने के पैसे नहीं थे, इसलिए उसने खुद को 8 घंटे तक ट्रेन के toilet में बंद रखा| वो अपने पिता की वजह से बहुत डरा-सहमा, थका और बहुत भूखा था|
पैसों और खाने के लिए भीख माँगते हुए, चाय की दुकान पर काम करने वाले एक आदमी ने उसे child labor में फसाने का भी प्रयास किया| उसने Satender को डराया कि उसे काम करना है नहीं तो वो पुलिस को बुलाएगा और पुलिस उसे पकड़ कर जेल ले जाएगी|
Satender, उस आदमी के चंगुल से भाग गया और उसकी मुलाकात एक ऐसी औरत से हुई, जिसकी बातों और अच्छे व्यवहार के कारण उसने उसपर विश्वास कर लिया | उस औरत ने उससे कहा कि वो उसे ख़ाना, पैसा, पढ़ाई, गेम देगी और अगर वो घर जाना चाहता है तो वो उसे उसके घर भी वापिस भेज देंगे|
लेकिन Satender ने खुद को उसके साथ ले जाने को कहा क्यूंकी उसे खाना और सुरक्षा दोनों चाहिए थी| उसे आज भी याद है कि उस दिन उसे बिना कुछ खाए 10 दिन हो चुके थे|
वो औरत Satender को Salaam Baalak Trust ले गयी, जहाँ उसे खाना और नये कपड़े दिए गये| Satender, आज इस NGO की successful stories का हिस्सा है और अब यहीं एक volunteer की तरह काम करता है, ताकि बेघर बच्चों को उनके सही पते तक पहुँचा सके| ये कोई आसान काम नहीं है, क्यूंकी बच्चे जल्दी अंजान आदमी पर विश्वास नहीं करते हैं| और वो खुद इस बात से गुजर चुका है इसलिए उसे ये अच्छी तरह पता है कि ऐसा क्यूँ है|
Operation Change टीम के Carlos Paz, Jr. का कहना है कि Satender उनकी लाइफ में सबसे ज़्यादा साहसी लोगों में से एक है| वो कहते हैं कि necessity ने उसे courageous बना दिया, लेकिन उन्हें जिस बात ने सबसे ज़्यादा प्रभावित किया, वो ये है कि उसने अपनी खुद की कहानी को लोगों तक पहुँचा कर उनमें आशा की एक किरण जगाने का महान काम किया है|